राजनीति

डीएपी की ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगाकर किसानों को कराएँ उपलब्ध ताकि वह कर सकें फसल की बुवाई: राजा अरिदमन सिंह

आगरा (डीवीएनए )। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से फोन पर अनुरोध किया है कि डीएपी की एक रैक तुरंत आगरा भिजवाई जाए ताकि किसानों और सोसाइटीज को डीएपी खाद मिल सके।
भदावर हाउस से एक विज्ञप्ति जारी कर राजा अरिदमन सिंह ने कहा है कि रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव के कहने के बावजूद डीएपी अभी तक उपलब्ध नहीं है जबकि उन्होंने आगरा में प्राथमिकता के आधार पर डीएपी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा कि आगरा में फर्रुखाबाद के बाद सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन होता है। आलू, सरसों तथा गेहूं की बुवाई में डीएपी की सर्वाधिक आवश्यकता होती है लेकिन षड्यंत्र करके एनपीके खाद उपलब्ध कराने का जोर डाला जा रहा है जबकि एनपीके की जरूरत कम ही रहती है।
उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद की तर्ज पर आगरा में भी जिलाधिकारी द्वारा अलॉटमेंट कमेटी से जवाब तलब करके कार्यवाही करनी चाहिए।

*फसलें होंगी लेट..*
राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि यदि एक सप्ताह में आलू और सरसों की बुवाई नहीं हुई तो फसलें लेट हो जाएंगी। लंबे इंतजार के बाद भी किसानों को डीएपी नहीं मिल रही। वजह यह है कि खाद और बीज के लाइसेंस धारी विक्रेता कालाबाजारी कर वसूली में जुटे हुए हैं। सहकारी समितियों पर डीएपी नहीं मिलने से किसानों में गुस्सा है।

*हो रही ब्लैक मार्केटिंग..*
राजा अरिदमन सिंह का कहना है कि आगरा में एक सुनियोजित तरीके से डीएपी की आपूर्ति नहीं की जा रही है ताकि प्राइवेट प्लेयर्स की घटिया किस्म की खाद को खपाया जा सके और किसान इफ्को की सर्वोत्तम खाद से वंचित रह जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि अधिकारी इफ्को की फ्रेंचाइजी नियमों को ताक पर रखकर प्राइवेट वालों को दे देते हैं। उसके बाद कोऑपरेटिव सोसाइटीज को देते हैं। यह खाद की आर्टिफिशियल कमी बनाई जा रही है ताकि प्राइवेट खाद क्रेता-विक्रेताओं का लाभ हो। यही वजह है कि इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वे रजिस्ट्रार (कोऑपरेटिव) लखनऊ और आगरा के जिलाधिकारी व एआर कोऑपरेटिव से व्यक्तिगत तौर पर दो बार मिल चुके हैं।
संवाद , दानिश उमरी