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क्या मनीष के हत्यारों को थाने पर सैल्यूट किया गया व समोसे से हुआ स्वागत

गोरखपुर-DVNA। कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में फरार आरोपी एक लाख का इनामिया इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा आखिरकार सलाखों के पीछे तो पहुंच गए। लेकिन यह एक सवाल बन गया है किगिरफ्तारी के बाद दोनों को जब उसी रामगढ़ताल थाने में लाया गया, जहां से कभी वे थानेदारी चलाते थे इस दौरान दोनों का स्वागत पुलिसवालों के सैल्यूट और चाय-समोसे से हुआ।
बतात चले बांसगांव इंस्पेक्टर राणा देवेंद्र सिंह की टीम ने रविवार की शाम करीब 5 बजे देवरिया बायपास तिराहे से आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा को गिरफ्तार किया और आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा को लेकर बांसगांव पुलिस उसी रामगढ़ताल थाने पहुंची, जहां जेएन सिंह इंस्पेक्टर हुआ करते थे, यहां तैनात पुलिसकर्मी जेएन सिंह को देखते हुए सावधान की मुद्रा में आ गए। सैल्यूट मारते हुए बोले- जय हिंद सर…। जेएन सिंह ने वहां तैनात पुलिस वालों का पुराने ही अंदाज में हालचाल पूछा। हालांकि, अधिकारियों के पहुंचते ही जेएन सिंह के तेवर नरम पड़ गए। पूछताछ के लिए आरोपी जेएन सिंह को उसके ही चेंबर में बैठाया गया। फिर चाय-नाश्ते का दौर शुरू हुआ, थाने से कुछ ही दूरी पर मौजूद फेमस समोसे की दुकान से इंस्पेक्टर के पसंदीदा समोसे-चटनी और चाय आ गई। लेकिन करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद अचानक रात 11.20 बजे गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट पूरी तरह बदल गई। लोगों के गुस्से को देखते हुए आरोपी इंस्पेक्टर और दरोगा को लोगों की नजरों से बचाते हुए आधी रात कोर्ट में पेश किया गया। इसके लिए पुलिस वैन पहले थाने के अंदर गई। इसके बाद मीडिया के कैमरों को बचाने के लिए कई बार थाने की बिजली काटी गई। बिजली की आंख मिचौनी के बीच आरोपित इंस्पेक्टर-दरोगा को पुलिस थाने से लेकर कोर्ट निकल गई। हंगामे की आहट पाकर बैरिकेडिंग कर दी गई थी।कोर्ट में पेश करने से पहले आरोपित पुलिस वालों का मेडिकल कराने पुलिस उन्हें जिला अस्पताल नहीं ले गई, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से मेडिकल टीम थाने ही बुलाकर रात करीब 10.30 बजे उनका मेडिकल कराया गया। इसके बाद रात 11.20 बजे थाने से निकलकर रात 12 बजे भारी सुरक्षा के बीच आरोपियों को एसीजेएम फास्ट ट्रैक कोर्ट अमित कुमार की अदालत में पेश किया गया। यहां स्ढ्ढञ्ज ने आरोपितों के ट्रांजिट रिमांड की ऐप्लीकेशन डाल रखी थी, जबकि आरोपितों की ओर से बेल एप्लिकेशन नहीं डाली गई थी। अदालत ने रिमांड एप्लिकेशन खारिज करते हुए दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
खास बात यह कि अभी इस हत्याकांड में 4 अन्य आरोपी पुलिस वाले फरार हैं। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। पुलिस महकमे ने सभी आरोपियों पर एक लाख का इनाम घोषित किया है

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