आगरा. ताजनगरी में सारस्वत गोत्र के ब्राह्मण रावण की पूजा करते हैं। हर साल की तरह इस बार भी रावण का पुतला दहन नहीं करेंगे। बल्कि इस दिन उनकी पूजा की जाएगी। शुभ संकल्प दिवस मनाया जाएगा। कई अन्य आयोजन भी होंगे। मंगलवार को दिल्ली गेट स्थित होटल गोवर्धन में लंकापति महाराज दशानन रावण पूजा आयोजन समिति ने पोस्टर विमोचन कर इसकी जानकारी दी।
समिति के संयोजक डॉ. मदन मोहन शर्मा ने बताया कि गुरुवार को कैलाश मंदिर पर यमुना घाट पर रावण की पूजा की जाएगी। कैलाश मंदिर में शिव तांडव स्रोत का पाठ होगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दशहरे के दिन रामलाल वृद्धाश्रम पर हवन होगा। इसके बाद कन्या पूजन होगा। उन्हें भोजन कराया जाएगा।
अध्यक्ष उमाकांत सारस्वत एडवोकेट और रामलाल वृद्धाश्रम के अध्यक्ष शिव प्रसाद शर्मा ने बताया कि महाराज रावण भगवान महादेव के परम भक्त थे। बहुत ही प्रकांड विद्वान थे। इसीलिए वे लोग उनका नमन करते हैं। प्रकांड विद्वान होने के नाते किसी को भी उनका पुतला दहन नहीं करना चाहिए। इसीलिए उनके पुतले जलाए जाने का विरोध किया जाता है।
समिति के पंडित नकुल सारस्वत ने बताया कि रावण प्रकांड विद्धान के साथ ही ब्राह्मण भी थे। उनका पुतला दहन करना किसी भी विद्वान के अनादर के समान है। एक ब्राह्मण के मामले में तो यह ब्रह्महत्या सरीखी है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना अपमान करने समान है जिसकी कानून भी इजाजत नहीं देता।
समिति के संरक्षक योगेंद्र दुबे और सुशील सारस्वत ने बताया कि हमारे संविधान में किसी की भी धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना दंडनीय अपराध है। समाज का एक वर्ग दशानन के पुतले दहन कर दूसरे वर्ग की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाता है और इसे रोका जाना चाहिए।
पोस्टर विमोचन के दौरान ये रहे मौजूद
नटरांजलि थियेटर आर्ट की निदेशक अलका सिंह, कौशल सैनी,कमल सिंह चंदेल,मनोज कुशवाह, शिवम चौहान,कुलकांत कुशवाह,सुजीत रामानुज मिश्रा, विपुल व अन्य।