राजनीति

आलू किसानों को लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी और पुलिस सुधार लागू करेंगे-चौधरी जयंत सिंह

लखनऊ। सादाबाद,हाथरस और अगौता,बुलंदशहर में आयोजित राष्ट्रीय लोकदल के आशीर्वाद पथ कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। भाजपा सरकार को जुमले वाली सरकार बताते हुए चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि कोई ऐसा झूठ नहीं जो इन्होंने बोला ना हो, और कोई ऐसा वादा नहीं जो इन्होंने पूरा किया हो। चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि हमारी सरकार आई तो किसानों को 12 हजार रुपये सम्मान निधि दी जाएगी। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत के डेढ़ गुना के हिसाब से लागू करेंगे। सादाबाद में आयोजित कार्यक्रम में जयंत सिंह ने गरीबों किसानों और वंचितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू करने की इच्छा जताई।
चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि आलू के किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए एमएसपी घोषित की जाएगी। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जोड़कर अंत्योदय कार्ड धारकों को राशन के साथ प्रति यूनिट तीन किलो आलू भी दिया जाएगा। आलू आधारित उद्योग शुरू किए जाएंगे और आगरा में अनुसंधान केंद्र एवं आलू निर्यात जोन की स्थापना होगी।

सादाबाद में आयोजित रैली में केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर गरजते हुए चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसानों और गरीब आदमी का बुरा हाल है। महंगाई का आलम ये है कि गरीब को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। देश में सबसे महंगी बिजली हमारे प्रदेश में है, वो भी अब समय से नहीं मिलती। किसान आज आत्महत्या करने को मजबूर है। लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए चौधरी जयंत ने कहा कि मैं जहां जा रहा हूं अपने किसान भाइयों को उन शहीद किसानों के नाम याद करा रहा हूं ताकि उन्हें ध्यान रहे कि इस सरकार में किसानों पर कैसे जुल्म ढहाए जाते हैं। देश के प्रधानमंत्री को जिस गृह राज्यमंत्री को गिरफ्तार कराना चाहिए था उसे गिरफ्तार नहीं किया गया दिल्ली बुलाया गया। केंद्रीय गृहमंत्री ने उन्हें अपनी बगल में बैठाया और आशीर्वाद देकर वापिस भेज दिया कि अपना काम जारी रखो, कौन सा काम किसानों को कुचलने का। अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का। एक कानून है यूएपीए जिसमें आतकंवादी घटनाओं की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आज उसी कानून का उपयोग सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को रोकने के लिए करती है। जब से मोदी जी आए हैं 8300 केस यूएपीए के दर्ज हुए हैं। इस कानून का इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ हो रहा है जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं। हाथरस में जिन पत्रकारों ने सरकार की पोल खोली उनके खिलाफ ये कानून लागू कर उन्हें जेल भेज दिया गया। मैं पूछता हूं जो किसानों को कुचलने वाले लोग हैं उनके खिलाफ यूएपीए के मुकदमे क्यों दर्ज नहीं किए गए। क्या वे आतंकवादी नहीं हैं। ये कड़वी सच्चाई है। ऐसी क्रूर सोच का एक ही उपाय है, जिस लोकतंत्र के रास्ते आए थे उसी रास्ते इन्हें वापिस भेज दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए चौधरी जयंत ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री हर चीज पर टिप्पणी करते हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का जन्मदिन होगा तो सबसे पहले ट्वीट करेंगे लेकिन आतंकवादी घटना होगी तो कोई ट्वीट नहीं होगा। लखीमपुर खीरी में इतनी बड़ी घटना हो गई उसपर कोई ट्वीट नहीं हुआ। यही सोच बदलनी है। वहीं बुलंदशहर के अगौता में आशीर्वाद पथ यात्रा के अवसर पर मौजूद विशाल जनसभा में चौधरी जयंत सिंह ने जनता से वादा किया कि अगर हमारी सरकार आई तो किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाया जाएगा। आलू किसानों को लागत का डेढ़ गुना के हिसाब से एमएसपी तय कर उसकी कीमत दिलवाई जाएगी। वादा किया कि सरदार पटेल जी की जयंती पर हम अपना संकल्प पत्र घोषित करेंगे, जिसमें साफ है कि अगर हमारी सरकार आती है तो किसानों की सम्मान निधि जिसे भाजपा सरकार मात्र 6000 रुपये देती है उसे हम 12000 रुपये और सीमांत किसानों को 15000 रुपये देने का काम करेंगे। वहीं पुलिस की समस्याओं पर जिक्र करते हुए कहा कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रका​श सिंह कमेटी की रिपोर्ट लागू करने के लिए सभी राज्यों से कहा था। हमारी सरकार आती है तो हम उसे लागू करेंगे। जिसमें पुलिसकर्मियों को आठ घंटे की ड्यूटी होगी, अगर ज्यादा ड्यूटी ली जाएगी तो ओवरटाइम देंगे। चौधरी जयंत सिंह ने घोषणा की कि हमारी सरकार आते ही पुलिसवालों को उनके परिवारों से दूर करने वाली बॉर्डर स्कीम हटाई जाएगी। गृहजनपद के आस-पास के जिलों में पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। जो भर्तियां अधूरी पड़ी हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। पुलिसकर्मियों के ग्रेडपे और भत्तों में वृद्धि करेंगे। पुलिस थानों में तैनात स्टाफ के दो अलग-अलग विंग बनेगी, एक कानून व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) और दूसरी विंग केवल जांच का काम संभालेगी। महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अपराधों की दृष्टिगत रखते हुए पुलिस भर्तियों में 50 फीसदी पदों पर महिलाओं की भर्ती की जाएगी।