अजमेर। राज्य सरकार द्वारा निरोगी राजस्थान अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों को अब वैश्विक पहचान मिल रही है। ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे में राजस्थान का औसत बच्चों में तम्बाकू सेवन के राष्ट्रीय औसत से कम रहा है। इसे और कम करने के प्रयास किए जाएंगे। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज द्वारा ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे में प्रदेश के 13 से 15 आयु वर्ग के बच्चों में तम्बाकू सेवन का प्रतिशत 4.1 प्रतिशत रहने पर चिकित्सा विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी। सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय औसत 8.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश में इस आयु वर्ग द्वारा तंबाकू सेवन का प्रतिशत कम है लेकिन विभाग की प्राथमिकता इसे जीरो पर लाने की रहेगी। चिकित्सा मंत्री ने सोमवार को केकड़ी से वीसी के जरिए ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे-स्टेट फैक्ट शीट रिलीज की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन-घोषणा में की गई प्रतिबद्धता के अनुसार राज्य में तम्बाकू नियंत्रण गतिविधियों की प्रभावी क्रियान्विति के लिये संकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि स्टेट फैक्ट शीट में हम अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं में नशे की लत रोकने के लिए राज्य में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के विक्रय, वितरण, भंडारण एवं विज्ञापन को 30 मई 2019 से प्रतिबंधित किया गया। इसके बाद भारत सरकार द्वारा भी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को प्रतिबंधित किया गया। उन्होंने बताया कि विधानसभा में राज्य में हुक्का बार संचालन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है। हुक्का बार संचालन प्रतिबंध के नियमों के उल्लंघन पर 1 से 3 लाख रूपये का जुर्माना तथा 6 महीने से 1 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया गया है। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘निरोगी राजस्थान‘ अभियान के तहत भी प्रत्येक राजस्व गांव में एक महिला एवं एक पुरूष स्वास्थ्य मित्र जो किसी भी प्रकार का नशा नही करते हों, का चयन किया था। उन्होंने बताया कि कुल 94 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य गतिविधियों के प्रचार-प्रसार का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसमें नशामुक्ति एवं तम्बाकू नियंत्रण को भी प्रमुखता से शामिल किया है। कार्यशाला में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज, मुंबई के प्रोफेसर मुरलीधरण ने बताया कि सर्वे में प्रदेश की 34 स्कूलों के 2 हजार 735 बच्चों से विभिन्न सवाल पूछे गए थे। सर्वे के अनुसार 90 फीसद बच्चों के माना कि तंबाकू सेवन की आदत सबसे पहले स्कूल से ही पड़ी। शहरों की बजाए गांवों के बच्चों में तंबाकू सेवन की आदत ज्यादा देखी गई। उन्होंने बताया कि यह सुखद बात है कि इस आयु वर्ग की लड़कियों में तंबाकू सेवन का प्रतिशत नहीं के समान है। इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि श्रीमती विनीता ने चिकित्सा विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में हमेशा अव्वल रही है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति और तंबाकू नियंत्रण में सरकार बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नवाचार करने में राजस्थान हमेशा आगे रहता है। राज्य के कई निर्णयों को बाद में देश भर में लागू किया जाता है। कार्यशाला में प्रदेश के कई विधायकगण वर्चुअली आमंत्रित थे। निदेशालय से मिशन निदेशक सुधीर शर्मा, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. के.के. शर्मा, अतिरिक्त निदेशक गोविंद पारीक, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. एसएन धौलपुरिया, डिस्टि्रक्ट नोडल ऑफिसर्स एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी