गोरखपुर-DVNA। गरीबों तथा मध्यम परिवारों के किचेन की रौनक निगल जा रही है। थालियों में सब्जियों की संख्या और मात्रा दोनों में कमी दिखाई दे रही है। आलू-प्याज और हरी सब्जियां खूब महंगी हैं लेकिन लाल टमाटर तो शतक लगा रहा है। नवरात्र के दौरान मीठे फल खूब महंगे बिके लेकिन बाजार में लाल टमाटर से सस्ते ही रहे। रविवार को फुटकर बाजार में टमाटर ने शतक लगा दिया जबकि सेब-संतरा और अनार 50 रुपये किलो से नीचे बिके। नवरात्र पर्व के दौरान बड़ी आबादी व्रत रखती है। लगातार नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु सब्जियां नहीं खाते। धर्म-संस्कार के मुताबिक इस पर पाबंदी है। हालांकि टमाटर व्रती व्यक्ति भी खाते हैं। नवरात्र के दौरान लाल टमाटर धीरे-धीरे महंगा होने लगा। सब्जियों की कीमतें जरूर स्थिर रहीं। टमाटर की कीमत लगातार बढऩे लगी। मंडी में जहां टमाटर 60-70 रुपये किलो बिका वहीं फुटकर बाजारों में इसकी कीमत और अधिक वसूल की जाने लगी।
रविवार को तो लाल टमाटर ने अपने रंग के मुताबिक रंग दिखाया और फुटकर बाजार में शतक लगा दी। शास्त्री चौराहे पर बाइक रोककर संतरा खरीदकर झोले में रखने के बाद मोहद्दीपुर निवासी सर्वेश दूबे ने बगल में सब्जियां बेच रहे ठेलेवाले से लाल टमाटर की कीमत पूछी। ठेलेवाले ने जवाब दिया 25 रुपये पाव। ठेलेवाले से लाल टमाटर की कीमत जानने के बाद श्री दूबे अवाक रह गए। उनके चौंकने की वजह थी। उन्होंने संतरा 100 रुपये में दो किलो खरीदा और लाल टमाटर की कीमत 100 रुपये किलो सुना।
सर्वेश का मन नहीं माना तो उन्होंने बगल में सेब बेच रहे ठेलेवाले से सेब की कीमत पूछी। उसने 50 रुपये किलो बताया। उन्होंने अनार की कीमत पूछी तो उसने जवाब दिया 100 रुपये में 2 किलो। सर्वेश की उत्सुकता बढ़ गई। वह पुनरू घूमकर सब्जी वाले के पास गए। उन्होंने एक-एक कर सब्जियों की कीमत पूछी। कीमत सुनकर उनके चेहरे के भाव बदल गए। बगल में खड़े कुछ लोगों में एक व्यक्ति ने कहा भाई साहब! अब तो हिम्मत नहीं कर रही है कि सब्जियां खरीदे लेकिन मजबूरी है, आदमी खाएगा क्या। सब्जी वाले ने कहा कि भइया मंडी में जब आग लगी है तो हम लोग क्या करें। मंडी में ही महंगाई अधिक है।
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