चित्रकूट-DVNA। पिछले ढाई साल से चल रहे फर्जी अंक पत्र के सहारे शिक्षिका की नौकरी करने वाली युवती के प्रमाण पत्रो की जांच न कर बेसिक शिक्षाधिकारी और डीआईओएस ढाल बने हुए है। पिछले ढाई साल से चल रहे इस हाई प्रोफाइल मामले मे ढाई लाख गबन करने के फेर मे डीआईओएस के यहां चपरासी प्रेमचन्द्र पटेल जेल तक हो आया हर बार अपनी पुत्री को आगे कर रामसहाय पर कार्रवाई करा दी। कई बार समझौता भी हुआ लेकिन मामला सुलझ नही सका।
शुक्रवार को फिर एक बार यह मामला उभरकर प्रकाश मे आया है। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षाधिकारी को जांच कर नियमानुसार शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये है साथ ही अवगत कराने को कहा है। रामसहाय पटेल के प्रार्थना पत्र के हवाले से कहा गया है कि प्रेमचन्द्र की पुत्री जो एबेनेजर प्राथमिक विद्यालय सोनेपुर मे कक्षा चार की छात्रा थी उसकी फर्जी टीसी व अंक पत्र के आधार पर कक्षा 5 पास करा दिया गया था जन्मतिथि को कूटरचित कर 1992 के स्थान पर 1996 करा दिया जिसकी उच्चाधिकारियो ने जांच की। जांच मे पूरी तरह से फर्जी पाया इतने बडे फर्जी कार्य के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई न होना अपने आप मे चपरासी की उपरी पहुंच को बताया जा रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक बलिराज राम अपने स्टॉफ कर्मचारी की पुत्री होने के चलते बचाने का प्रयास कर रहे है और इस प्रयास मे वह तीन साल से सफल भी हो रहे है। उधर डीआईओएस बलिराज राम का कहना है कि इस बारे मे कई बार जांच हो चुकी है अब कार्रवाई क्यों नही हो रही उनकी समझ से परे है जबकि वह दायरा उनका नही है बेसिक शिक्षाधिकारी का है जिलाधिकारी ने भी कार्रवाई के लिये उन्हे पत्र भेजा है हमारा इसमे कोई रोल नही है। उधर बेसिक शिक्षाधिकारी के अवकाश मे होने पर खण्ड शिक्षाधिकारी एमपी सिंह ने कहा कि बीएसए के आने पर ही कार्रवाई की जायेगी।
रामसहाय का आरोप है कि जांच अधिकारी पिछले तीन सालो से जांच कर रहे है दोषी भी पा रहे है बावजूद इसके कार्रवाई नही कर रहे है आखिरकार कब तक मिलती रहेगी मुझे तारीख?
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