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के.यू.चि.अ.प. महानिदेशक ने यूनानी साहित्यक अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और शोध कार्यों की सराहना की

नई दिल्ली, : प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के.यू.चि.अ.प.) और सलाहकार (यूनानी), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली में स्थित के.यू.चि.अ.प. के हकीम अजमल खाँ यूनानी चिकित्सा साहित्यिक एवं ऐतिहासिक अनुसंधान संस्थान (ह.अ. खाँ.यू.चि.सा.ऐ.अ.सं) का दौरा किया। दौरे के दौरान प्रो. ख़ान ने संस्थान में चल रहे साहित्यक अनुसंधान, अरबी और फारसी यूनानी क्लासिकी पुस्तकों के अनुवाद, यूनानी साहित्य के संपादन, वैज्ञानिक तर्ज पर दस्तावेज़ो के संकलन, महत्वपूर्ण पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और स्नोमेड-सीटी परियोजना आदि क्षेत्र में कार्यों का आंकलन किया।
उन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई महत्वपूर्ण अरबी और फारसी पुस्तकों जैसे ‘मिन्हाजुद दुक्कान’, ‘मनाफ़े अल- अग़ज़िया’, ‘क़राबादीन-ए-जलाली’, ‘मुजर्रबात-ए-रिज़ाई’, ‘किताब अल-मुग़नी’ आदि के अनुवाद करने पर संस्थान की प्रशंसा की। प्रो. खान ने मस्तिष्क, यकृत, गुर्दे और हृदय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों पर व्यापक क्लासिकल यूनानी ज्ञान एकत्रित करने को सराहा। उन्होंने मानक यूनानी उपचार दिशानिर्देश, होम क्वारंटाइन कोविड-19 रोगियों हेतु यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशानिर्देश, कोविड-19 महामारी के दौरान स्व-देखभाल के लिए यूनानी चिकित्सा आधारित निवारक उपाय आदि पर महत्वपूर्ण दस्तावेज़ो के प्रकाशन को भी प्रशंसनीय बताया।
प्रो. खान ने जामिया के संस्थापकों में से एक, हकीम अजमल ख़ान के जीवन और कार्यों पर आधारित ‘साहित्य ‘नुकूश-ए-अजमल’, ‘हकीम अजमल खान – ए मैन ऑफ़ एक्सेप्शन्स’ और ‘मेमॉयर ऑफ़ हकीम अजमल खाँ’ के प्रकाशन पर प्रसंशा व्यक्त की।
प्रो. ख़ान ने संस्थान की क्लिनिकल फैसिलिटी (नैदानिक सुविधा) और रेजिमेनल थेरेपी अनुभाग का भी दौरा किया। उन्होंने फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन और रूसी और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में यूनानी आधारित दस्तावेज़ के प्रकाशन के लिए जामिया सहित अन्य संस्थानों के सहयोग से काम करने की सलाह दी।
अनुसंधान संस्थान के प्रभारी डॉ. मोहम्मद फज़ील ने जामिया परिसर में संस्थान के स्थानान्तरण के बाद की उपलब्धियों पर आधारित एक विस्तृत प्रस्तुति पेश की। उन्होंने संस्थान की साहित्यिक परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी बताया। डॉ. अहमद सईद, अनुसंधान अधिकारी (यूनानी) वैज्ञानिक-III ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर के.यू.चि.अ.प. मुख्यालय से डॉ. गजाला जावेद, अनुसंधान अधिकारी (यूनानी) वैज्ञानिक-IV और डॉ. अमानुल्लाह, अनुसंधान अधिकारी (यूनानी) वैज्ञानिक-III एवं संस्थान के सभी अधिकारी उपस्थित थे।