अज़मेर । सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में स्थितआहाता ऐ नूर में त्रिपुरा में हो रही घटना को लेकर खादिमो द्वारा पूर्णरूप से विरोध किया ख़्वाजा साहब की दरगाह लोगो की आस्था का केन्द्र है अमन, शांति, भाईचारे पर बिना भेदभाव, धर्म व जाती के लोग यहाँ आते है,
दरगाह के ख़ादिम सैयद सरवर चिश्ती ने बताया कि पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि हमारे मुल्क में धर्म के नाम पर असामाजिक तत्व आपसी नफरत फैलाकर सियासत व हुकूमत का खेल खेला जा रहा है जो अब बढ़कर त्रिपुरा की दुखद घटना की शक्ल बन चुका है। मीडिया, सोशल मीडिया व समाचार पत्रों से आ रही खबरों से पूरी दुनिया में त्रिपुरा में रह रहे न सिर्फ अल्पसंख्यकों पर जुल्म व ज्यादती बल्कि धर्म स्थलों (मस्जिद) पर भी हमला कर पवित्र कुरआन शरीफ का अपमान कर हजरत मोहम्मद साहब का नाम लेकर गलत बात की जा रही है जिसको किसी भी तरह कोई भी इंसान बर्दाश्त नहीं कर सकता। मीडिया व सोशल मीडिया को देखकर लगता है कि त्रिपुरा में प्रशासन व सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी