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म्युजिक एल्बम गुजारा भत्ता का पोस्टर विमोचन

अजमेर । म्युजिक एल्बम गुजारा भत्ता का पोस्टर विमोचन शहर के प्रतिष्ठित होटल में किया गया, प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए लेखक निर्माता एंव निर्देशक हनी चौरसिया ने कहा कि भारत का संविधान पुरुषों और महिलाओ का समानता का पूर्ण अधिकार देता है फिर केवल राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, महिला मंत्रालय, महिला हेल्पलाईन, महिला हेल्प डेस्क महिला अपराध शाखा ही क्यों आखिरकार पीडित पुरुष, भाई, ससुर, देवर, जेठ और उनसे व पुरुषों से सम्बंधित व जुडी हुई महिलाऐं सास, ननद, जेठानी व बहने अपने उपर हो रहे अत्याचारो व शारीरिक व मानसिक व आर्थिक शोषण के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने और न्याय पाने आखिरकार जाये तो जाये कहा। चूँकि हमारे देश में ना तो पुरुषों के लिये कोई आयोग है ना ही कोई मंत्रालय है जिस कारण न्याय ना मिल पाने व लिंग भेदी कानून के दुरुपयोग से हर साल 90,000 से अधिक पुरूषदेश मे आत्महत्या कर रहे है। हनी चौरसिया ने ऐसे ही दुरूपयोग किये जाने वाले कानून धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता, “गुजारा भत्ता” विषय पर अपना म्युजिक एल्बम हरियाणा की म्युजिक लेबल कम्पनी सोनोटेक कैसेट के साथ दीपावली पर लॉच किया है जो कि देश, प्रदेश में ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। उक्त म्युजिक एल्बम में पतियो/ पुरुषो के खिलाफ कानून व न्यायालय द्वारा किये जा रहे मतभेद व इस कानून से प्रताडित पतियों की व्यथा को दर्शाया गया है।

अभिनेत्री प्रिया छाबडा ने कहा कि एक तरफ नारी सशक्तिकरण, महिला समानता, लिंग भेद, जेण्डर समानता के नाम पर “हमारी छोरिया, छोरो से कम है क्या ?” जैसी बातें की जाती है, तो दूसरी तरफ गुजारा भत्ता के नाम पर मनचाही रकम दिलाई जाती है, उन्हें असक्षम, असहाय बनाकर माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत अभियान” को कमजोर किया जा रहा है।
गुजारा भत्ता दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत कानून उन पत्नी, संतान, माता पिता के लिये बनाया गया है जो कि स्वंय का भरण पोषण करने में असमर्थ है परन्तु दुर्भाग्यवश इसका दुरुपयोग सम्पूर्ण राष्ट्र मे उन पत्नी / महिलाओं द्वारा तेजी से किया जा रहा है जो खुद का भरण पोषण करने में सक्षम एंव आत्मनिर्भर है। यह पति /पुरूषों के उपर थोपे जाने वाला वह कानून है, जिसमे पुरुष को महिला के जीवनयापन के नाम पर बिना किसी काम के अपने तरीके से जीने के लिये पैसा / गुजारा भत्ता न्यायालय द्वारा देने को मजबूर किया जाता है। यहाँ तक कि उस संतान के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी ऐसे पुरुषो पर डाल दी जाती है जो कानूनी रूप से उनके पिता नहीं होते है। दुर्भाग्य तो यह है कि पतियो पर यह अन्याय / अत्याचार न्यायालय द्वारा किया जाता है। सिर्फ इसलिये कि उसने उस महिला से विवाह किया है, मानो उसने कोई विवाह नहीं अपराध कर दिया है।

कार्यक्रम के अंत मे अभिनेता मानव दुआ ने बताया कि म्यूजिक एलबम गुजारा भत्ता गीत में मुख्य भूमिका मे रैपर / गायक हनी चौरसिया के साथ अजमेर के अभिनेता मानव दुआ व दिल्ली के मॉडल / अभिनेत्री प्रिया छाबडा, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह व सिक्का व अन्य सह कलाकारों के साथ नजर आ रहे है। आपको बता दे कि यह गीत युवाओं को इतना लुभा व प्रेरित कर रहा है कि वे # Guzara Bhatta लिखकर लाखो ट्वीटस ट्विटर पर कर चुके है तो कुछ इन्स्टाग्राम, फेसबुक पर इस गीत की रील्स, स्टोरी बना रहे है।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी