ओडिशा में कटक की एक वृद्ध महिला ने अपनी करोड़ों की संपत्ति एक रिक्शा चालक को सौंप दी है। कटक के सूताहाट इलाके की 63 साल की मीनती पटनायक ने अपनी तीन मंजिला इमारत, सोने व चांदी के जेवरात व रुपये आदि सब कुछ एक रिक्शा चालक बुड्ढा सामल को सौंप दिया है। इस बुजुर्ग महिला ने अपनी बाकी की जिंदगी रिक्शा चालक के परिवार वालों के साथ गुजारने का मन बनाते हुए यह निर्णय लिया है। छह महीने के भीतर अपने पति और इकलौती बेटी की मौत हो जाने के बाद यह महिला पूरी तरह से बेसहारा हो गई थी। उस समय रिश्तेदार व सगे संबंधियों ने उससे ठीक से बात तक नहीं की। उनकी देखभाल कैसे होगी, बाकी की जिंदगी वह कैसे गुजारेगी, उसके बारे में भी किसी ने किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया। ऐसे में उनके साथ काफी समय से एक रिक्शा चालक का परिवार जुड़ा हुआ था। हर मुसीबत में यह परिवार उनका सहारा बनता था।
पति के बाद बेटी का भी हो गया निधन
संबलपुर की मीनती ने कटक में सुताहाट के कृष्ण कुमार पटनायक के साथ शादी की थी। उनकी एक मात्र बेटी थी। घर-परिवार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। सभी खुशहाल थे, लेकिन अचानक वर्ष 2020 में उनके पति कृष्ण कुमार पटनायक का निधन हो गया। उसके बाद बेटी कोमल कुमारी पटनायक शादी नहीं करने के लिए मन बना लिया। ऐसे में मां और बेटी एक-दूसरे का सहारा बनकर जिंदगी गुजारने का निर्णय ले लिया था। पति के गुजरने के छह महीने के बाद बेटी कोमल का भी दिल के दौरे से निधन हो गया। इसके बाद मीनती पूरी तरह से टूट चुकी थी। तीन मंजिला मकान में वह खुद को काफी बेसहारा महसूस करती थी। रिश्तेदार और सगे-संबंधी आए तो लेकिन केवल दिलासा देकर लौट गए। जिंदगी के अंतिम दौर में रिक्शा चालक बुड्ढा सामल ही हर मुसीबत में इस परिवार के साथ काफी साल से जुड़ा हुआ था। उनकी देखभाल करता था। इस परिवार का पूरा ख्याल रखता था। बुड्ढा सामल ने इस परिवार की काफी सेवा की। कोमल को बचपन में स्कूल ले जाने से लेकर उकृष्ण कुमार को दवाई लाकर देना, अस्पताल व बाजार ले जाना आदि तमाम कार्य बुड्ढा समल ही हमेशा करता आ रहा था।
हर सुख-दुख में यह रिक्शा चालक उस परिवार का सहारा बना था। ऐसे में मीनती बुड्ढा सामल व उसके परिवार वालों की सेवा से खुश होकर अपनी तीन मंजिला इमारत और तमाम संपत्ति उसके नाम कर दी। वकील की मौजूदगी में कागजात बुड्ढा सामल को हस्तांतरण किया है। मीनती ने अब बुड्ढा सामल का परिवार जोकि कटक के सिद्धेश्वर साही में किराए पर रहता था, अब वह पिछले दो-तीन महीनों से मीनती के घर में ही रह कर उनकी सेवा कर रहा है। ऐसे में मीनती ने अपनी बाकी की जिंदगी इस रिक्शा चालक के परिवार वालों के साथ ही काटने का निर्णय लिया है। बुड्ढा सामल गरीब रिक्शा चालक है। वह हाथ का रिक्शा खींचता है। उसने कहा कि जिंदगी में काफी मेहनत की है, लेकिन ना जाने किस जन्म के पुण्य के चलते हैं उसे यह सब मिला हुआ है। पटनायक परिवार के साथ वह काफी समय से जुड़ा हुआ था और उनकी देखभाल करता था, लेकिन उसे यह सब कभी प्राप्त होगा, यह उसने वह सपने में भी नहीं सोचा था। रिक्शा चालक के परिवार ने संपत्ति प्राप्त करने के बाद मीनती की सेवा में अपनी जिंदगी गुजारने का निर्णय लिया है।