अन्य

कौमी एकता की मिसाल है हजरत हाथीशाह का जश्न ए उर्स, विजय कुमार

आगरा,नाई की मण्डी स्थित दरगाह हज़रत हाथिशाह रहमतुल्लाह अलैह का 120 वाँ सालाना उर्स शरीफ बुजुर्गों की सभी रस्मों रिवाज के साथ मनाया जा रहा है । उर्स शरीफ के पहले दिन मीलाद शरीफ का आयोजन किया गया । वहीं उर्स में दूसरे दिन संदल, चादरपोशी , गुलपोशी व इत्र पेश किया गया । उर्स शरीफ में मेहमाने खुसूसी के रूप विजय कुमार जैन मौजूद रहे ।
उर्स शरीफ में फातिहा ख्वानी और मुल्क के अमन चैन की दुआ करते हुए बताया कि बुजुर्गो की मुहब्बत दिल में रखने से दुनिया में तो फलहियत होती ही है बल्कि आखिरत भी अल्लाह पाक संभाल देता है । जिन बुजुर्गों की निस्बत जो भी इंसान रखेगा कल हश्र के मैदान मे उन बुजुर्गो के साए में अल्लाह पाक उस शख्स को जन्नत में दाखिल करेंगे ।
हजरत हाथीशाह रहमतुल्लाह अलैह बहुत पाए के बुजुर्ग रहे हैं ।आप अल्लाह के बड़े ही प्यारे बन्दे थे ।आपका इतिहास समूचा आगरा शहर में सूफी जनता है कि आपकी विलादत कहां से हुई । आपके मजार शरीफ पर आने वाले हर शख्स की हर मुराद तमन्ना पूरी होती है । जिसने जो दामन फैलाकर मांगा दरबार ए हाथीशाह से , अल्लाह ने उसे वह दिया । महफिल कव्वाली का सिलसिला देर रात तक चलता रहा और रूहानियत की बारिश से सभी अकीदतमद सराबोर होते रहे । लंगर तकसीम किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दरगाह हाथीशाह के सज्जादानशीन शराफत हुसैन , हाशिम साबरी, कासिम साबरी, विनोद शर्मा , अफजाल, खलीफा रमज़ान खान साबरी, खलीफा जमील साबरी, खलीफा सईद साबरी, खलीफा कमरुद्दीन, अब्दुल जब्बार साबरी, अब्दुल सईद खान , खलीफा कल्लू साबरी , इरफान साबरी, शेखू भाई आदि लोग मौजूद रहे ।
संवाद , चौधरी फैज़ान