अन्य

राजस्थान और मध्य प्रदेश की तर्ज पर एक किलोमीटर तक की जाए चंबल अभ्यारण सेंचुरी की सीमा: राजा अरिदमन सिंह

 

हजारों ग्राम वासियों की खुशहाली के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने प्रदेश के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री को लिखा पत्र

आगरा (डीवीएनए )। पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने हजारों स्थानीय ग्राम वासियों के खुशहाल जीवन के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी चंबल अभ्यारण सेंचुरी की सीमा 7-8 किलोमीटर से घटाकर एक किलोमीटर तक करने की माँग की है। उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि चंबल सेंचुरी में जलचर गहरे पानी में ही सुविधा पूर्वक रहते हैं ना कि बीहड़ क्षेत्र में जलचर निवास करते हैं। उक्त जीव जंतु चंबल में ही विचरण और प्रजनन करते हैं। इसलिए चंबल सेंचुरी को 8 किलोमीटर बीहड़ तक निर्धारित किया जाना किसी प्रकार भी तर्कसंगत नहीं है।
श्री अरिदमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि चंबल सेंचुरी के 8 किलोमीटर बीहड़ तक निर्धारित क्षेत्र में नदगवाँ, उमरैठा, रेहा, बरेंडा, तासौड़ एवं बासौनी सहित कई गाँवों के हजारों ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है। यहाँ जीवन के लिए उपयोगी मूलभूत सुविधाएँ भी गाँव वासियों को उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ना ही कोई विकास कार्य हो पा रहे हैं। ये ग्राम वासी बिजली, पानी एवं सड़क आदि की जरूरी सुविधाओं से वंचित रह कर नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की चंबल अभ्यारण सेंचुरी की सीमा को एक किलोमीटर तक किए जाने से ग्राम वासियों को मूलभूत सुविधाएँ मिल सकेंगी। क्षेत्र के निवासियों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार आएगा। क्षेत्र के लोगों को विकास कार्यों का लाभ मिल सकेगा। बिजली, पानी, सड़क आदि की समस्याओं का समाधान हो सकेगा और क्षेत्र की जनता खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकेगी।
संवाद , दानिश उमरी