लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आज डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग व्यक्तियों तथा दिव्यांगजन के हितार्थ कार्य कर रही सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित विशेष विद्यालयांे के शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में उत्कृष्ट अंकों के साथ उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इसके पूर्व, उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया तथा दिव्यांगजन को सहायक उपकरण भी वितरित किये। यह कार्यक्रम दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। वर्तमान सरकार दिव्यांगजन की बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजन की प्रतिभा को बहुत नजदीक से पहचाना है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री जी ने विकलांग शब्द को दिव्यांग नाम दिया है। उन्होंने कहा कि ऋषि अष्टावक्र भी दिव्यांग थे, उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा उस कालखण्ड में मनवाया था। मध्यकाल में महाकवि सूरदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के प्रति जनमानस को आकर्षित करने का कार्य किया। विश्व प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस की प्रतिभा से सभी परिचित हैं। ऐसे प्रतिभाशाली दिव्यांगजन की एक लम्बी श्रृंखला है, जो इस बात को प्रदर्शित करती है कि यदि दिव्यांगों को उचित माहौल दिया जाए तो वह बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजन के हितों के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रही है। दिव्यांगजन की पेंशन 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह की गयी है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का बजट भी बढ़ाया गया है। साथ ही, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर प्रदेश के सभी जनपदों में दिव्यांगजन हेतु कृत्रिम अंग उपकरण वितरण कार्यक्रम भी आयोजित किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद टोक्यो पैरालम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। 56 दिव्यांग खिलाड़ियों के दल ने 19 मेडल प्राप्त किये। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने जनपद मेरठ में एक भव्य कार्यक्रम में पदक विजेता पैरालम्पिक खिलाड़ियों को सम्मानित किया। पैरालम्पिक में दिव्यांग खिलाड़ियों की सफलता इस बात को प्रदर्शित करती है कि यदि दिव्यांगजन को थोड़ा भी प्रोत्साहन दिया जाए, तो वह अपनी प्रतिभा और परिश्रम से राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजन को शादी के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। दिव्यांग युवक हेतु 15,000 रुपये, युवती हेतु 20,000 रुपये तथा युवक एवं युवती दोनों के दिव्यांग होने पर 35,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। साथ ही, दिव्यांगजन को स्वयं के व्यवसाय व दुकान निर्माण के लिए 20,000 रुपये, स्ट्रीट वेण्डर के कार्य हेतु 10,000 रुपये तथा किसी प्रकार की सर्जरी के लिए 10,000 रुपये दिए जाने की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगजन के लिए कॉक्लियर इम्प्लाण्ट योजना संचालित की जा रही है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी को 06 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। दिव्यांगजन को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित की गयी हैं। भारत सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा भी दिव्यांगजन के लिए 21 श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं। उन्होंने दिव्यांगजन के हितों से जुड़ी संस्थाओं से अपील की कि वह अधिक से अधिक लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी का पुरस्कार अजय कुमार (श्रवणबाधित), नागेन्द्र कुमार (अस्थिबाधित), नीतू द्विवेदी (दृष्टिबाधित), दिव्यांगजन हेतु सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी या एजेंसी का पुरस्कार कैफेबिलिटी फाउण्डेशन वाराणसी, दिव्यांगज के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति का पुरस्कार डॉ0 सी0 तुलसीदास (व्यावसायिक), इरफाना तारिक (गैर व्यावसायिक), दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संस्था का पुरस्कार प्रेम धाम चैरिटेबल सोसाइटी, बिजनौर (समावेशी शिक्षा के निमित्त), भागीरथ सेवा संस्थान, गाजियाबाद (समग्र पुनर्वास सेवा), प्रेरणास्रोत का पुरस्कार प्रो0 मंगला कपूर (अस्थिबाधित), धीरज श्रीवास्तव (श्रवणबाधित), कु0 जीया राय (मानसिक मंदित), सौरभ तिवारी (दृष्टिबाधित), सर्वश्रेष्ठ सृजनशील वयस्क दिव्यांग व्यक्ति का पुरस्कार नव कुमार अवस्थी, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का पुरस्कार रति मिश्रा (महिला), लव वर्मा (पुरुष), दिव्यांगजन के सशक्तीकरण हेतु कार्यरत कर्मचारी का पुरस्कार श्रीमती शगुन सिंह को प्रदान किए गए।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग दिव्यांगजन के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं को संचालित कर रहा है। प्रदेश में 43 लाख से अधिक दिव्यांगजन को आशा की नई किरण मिली है। राज्य में दिव्यांगजन के लिए ब्रेल लिपि प्रेस स्थापित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण हेमन्त राव ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण सत्य प्रकाश पटेल सहित शिक्षकगण उपस्थित थे।
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