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विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का डेरा बनी आनासागर झील – प्रो. माथुर

अजमेर । स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शनिवार को बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों सहित विभिन्न महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं गणमान्य नागरिकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। झील के किनारे-किनारे वॉक करते हुए उन्होंने प्रवासी पक्षियों को निराहा। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। झील के किनारे-किनारे बन रहे पाथ वे से प्रवासी पक्षी ना केवल सुरक्षित रहेंगे बल्कि पक्षियों को देखने के लिए पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम के दौरान वैशाली नगर रोड स्थित शिव मंदिर के सामने सभी एकत्र हुए। पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज एस सेंगाथिर व जिला कलक्टर एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। नगर निगम आयुक्त एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र कुमार, अजमेर विकास प्राधीकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा सहित सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, राजकीय सावित्री कन्या महाविद्यालय, सोफिया कॉलेज, अजमेर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट सहित विभिन्न गणमान्य नागरिकों ने पैदल मार्च की शुरूआत की। शिव मंदिर से सागर विहार पाल, रीजनल कॉलेज के सामने पाथ वे होते हुए पुष्कर रोड स्थित लेकफ्रंट बर्ड पार्क पहुंचे। पाथ वे पर पैदल मार्च के दौरान सभी ने प्रवासी पक्षियों को करीब से रखा। पुलिस महानिरीक्षक सेंगाथिर एवं जिला कलक्टर राजपुरोहित ने प्रवासी की गतिविधियों को दूरबीन से देखा। विभिन्न महाविद्यालय के विद्यार्थी भी प्रवासी पक्षियों की गतिविधियों को अपने-अपने मोबाइल फोन में कैद करते नजर आए। नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने स्मार्ट सिटी के तहत सराहनीय कार्य हुए हैं। राजकीय सावित्री कन्या महाविद्यालय के प्राचार्या डॉ. मंजूला मिश्रा ने कहा कि पैदल मार्च के दौरान विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
स्मार्ट सिटी ने किए सराहनीय कार्य
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्व विद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रवीण माथुर ने स्मार्ट सिटी द्वारा आनासागर झील के किनारे-किनारे किए विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पाथ वे निर्माण से प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा बढ़ी है। पूर्व में सुरक्षा के अभाव में पक्षी जानवरों का शिकार हो जाते थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पर आते हैं, बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजनों से आमजन में रूचि बढ़ेगी। अब पक्षियों को सुरक्षित स्थान मिलने से न केवल वे अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं वरन भविष्य में इनकी संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। मदस विश्वविद्यालय के रिसर्च फैलो डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि पैदल मार्च के दौरान सुबह आठ से 9.30 बजे तक उन्होंने 53 प्रकार के विभिन्न पक्षियों को यहां पर देखा है। प्रमुख रूप से इंडियन शाग, ग्रेट लाइट पैलिगन, ग्रे बगुला, हाउस क्रो, ब्लेक काइट सहित विभिन्न प्रकार प्रवासी पक्षी यहां पर देखे गए हैं। प्रो. माथुर ने बताया कि झील में पुराने अवशेषों को बचाए रखा गया है। जिसकी वजह से प्रवासी पक्षी यहां पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। जनवरी माह में और अधिक प्रवास पक्षियों के यहां पर आने की संभावना है।
विद्याथियों के लिए बनेगा अध्ययन का केंद्र
प्रदेश में भरतपुर के केवलादेव घना पक्षी अभ्यारण्य की तर्ज पर सागर विहार बर्ड पर्क में पक्षियों के चित्र और नाम लिखे संकेतक लगाए गए हैं। अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए पार्क कारगर साबित होगा। आमजन भी प्रवासी पक्षियों को आसानी से पहचान कर सकेंगे। यहां पर आने वाले लोग पक्षियों के चित्रों को देखकर उनकी पहचान कर सकेंगे और उस पक्षी के बारे में विस्तार से जान पाएंगे। प्रवासी पक्षियों की जानकारी रखने वाले विद्याथियों के लिए आनासागर झील अध्ययन का केंद्र रहेगी।
प्राकृतिक टीलों पर नजर आए पक्षी
सागर विहार बर्ड पार्क की नम भूमि एवं घास को यथावत रखा गया है। पार्क में प्राकृतिक टीलों का निर्माण किया गया है जिन पर पक्षी बैठे नजर आने लगे हैं। उक्त भूमि में पूर्व में भी पानी भरा रहता था, जिसको यथावत रखा गया है। जिससे पानी की वजह से आने वाले प्रवासी पक्षियों का प्रवास भी यथावत है एवं उन्हें भोजन प्राप्त करने में भी आसानी है। पक्षियों की सुरक्षा के लिए बर्ड पार्क में चारों तरफ पांच फीट ऊंचाई की चार दीवारी का निर्माण किया गया है। इस पर दो फीट रेलिंग लगाई गई है। चार दीवारी बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पक्षियों को आवारा जानवरों से बचाना है।

संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी