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सामाजिक कुरूतियों को अपने हित में इस्तेमाल करना सीख : लक्ष्य

उन्नाव- नवाबगंज : भारतीय समन्वय संगठन(लक्ष्य) की लक्ष्य कमांडर चेतना राव ने एक भीम चर्चा का आयोजन उन्नाव के नवाबगंज में स्थित अपने निवास स्थान पर किया | यहाँ यह बता दें कि हाल ही में उनके ससुर का लम्बी बीमारी के बाद देहावसान हो गया था जिसको लेकर परिवार में यह रस्सा कसी रही कि पिता जी का शांति पाठ परम्परागत रीती-रिवाजों से किया जाये या समाज में बदलाव के लिए बुद्ध रीती से किया जाये | अंततः लक्ष्य कमांडर चेतना राव ने परिवार के सदस्यों को मना लिया और शांति पाठ के अवसर पर एक भीम चर्चा की गई जिसमें पूज्य भिक्खु संघ व लखनऊ से लक्ष्य की महिला कमांडरों ने हिस्सा लिया | समाज में इस बदलाव को लेकर लोगों में चर्चा बनी रही और ज़्यादातर लोगों ने इस बदलाव की प्रशंसा की और भविष्य में कुरूतियों से बचने का संकल्प लिया |

समाज की स्थिति में सुधार के लिए छोटे छोटे प्रयोग होते रहने चाहिए, हमें परम्परागत रीतियों के नाम पर कुरूतियों को ढोना बंद करना होगा, ऐसी रीतियां जो कुरूतियों में बदल गई है और जो समाज को घुन की तरह खा रही है, ऐसी कुरूतियों से समाज को छुटकारा पाना ही होगा | अंधविश्वास, पाखण्ड, मृत्यु भोज व पुनर्जन्म के चक्कर से बाहर निकलना होगा अर्थात् समाज कुरूतियों को अपने हित में इस्तेमाल करना सीख ले तो बदलाव का रास्ता अपने आप बन जायेगा। यह बात लक्ष्य की महिला कमांडरों ने भीमचर्चा के दौरान कही |

लक्ष्य कमांडरों ने जोर देते हुए कहा कि कुरूतियों से टकराना आसान नहीं है, ऐसी स्थिति में हमें अपनो का ही विरोध झेलना होगा लेकिन अपनी स्थिति में बदलाव के लिए हमें मजबूत इच्छा शक्ति के साथ कदम उठाने ही होंगे, अंधविश्वासी परम्पराओं को तोड़ना ही होगा जो हमारे विकास के मार्ग में रोड़ा बन रही है |

इस भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर चेतना राव, रेखा आर्या, राजकुमारी कौशल, रागनी चौधरी, अनीता प्रसाद, एडवोकेट लक्ष्मी गौतम, पुष्पा भारती, मधु सिंह,देवकी बौद्ध, प्रिया गौतम, सुजाता सिंह, चंदा, लक्ष्मी सिंह, शर्मीला, धर्मिला,साधना, दिव्या, गायत्री,पूनम, सौरभ, छोटू, सर्वेश, विमल, एस. पी. कौशल, एम एल आर्या, संजीत कुमार, राम सजीवन, व शिव कुमारी ने हिस्सा लिया |

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