लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, जसवंत सैनी की अध्यक्षता में आज यहां इन्दिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षित वर्ग के ओबीसी/दिव्यांग/भूतपूर्व सैनिक/स्वतंत्रता सेनानी को अर्हक अंक में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने, विनियमितीकरण एवं उत्तर प्रदेश प्रा0 शिक्षक भर्ती 2018 एवं 2019 में आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने के संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में भुर्जी, भड़भूजा जाति का सर्वे कराये जाने, पिछड़े वर्ग की सूची में क्र0सं0-37 पर अंकित भुर्जी, भड़भूंजा, भूज, कांन्दू के साथ भोजवाल अंकित करने, रावत राजपूत समाज को ओबीसी की सूची में सम्मिलित करने, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग की जातीय सूची के क्रमांक-4 पर कहार, कश्यत के साथ ‘‘चन्द्रवंशी’’ उपजाति को रवानी ‘‘चन्द्रवंशी’’ को पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित किये जाने, हिन्दू जाति करण/कर्ण को अलग क्रमांक देने, उ0प्र0 की अनुसूचित जातियों में शामिल शिल्पकार समाज की उपजातियों लोहार, बढ़ई, कुम्हार, सुनार, कसेरा आदि को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में विलोपित किये जाने, शिल्पकार की उपजाति थवई राज शिल्पी को उत्तर प्रदेश के शिल्पकार की मूलजाति में सम्मिलित करने, त्यागी जाति (हिन्दू व मुस्लिम) को उ0प्र0 राज्य के पिछड़े वर्ग में शामिल करने, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित जाति ‘‘हंसीरी’’ के स्थान पर हसीरी दर्ज किये जाने, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में क्रमांक-30 पर अंकित जाति माली, सैनी को अलग-अलग क्रमांक पर रखने एवं माली जाति को उसके शुद्ध नाम किये जाने जैसे बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में लोध, लोधी, लोधा, लोधी राजपूत, किसान एवं खड़गवंशी लोधी नाम को पर्यायवाची मानते हुए अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, मुस्लिम मोची की उपजाति गफ्फारी को पिछड़े़ वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों में विभिन्न नामों के बजाय किसी एक नाम से सूचीबद्ध किये जाने, एक ही जाति के लोगों को अनेक नामों से पुकारे जाने से रोकने, पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों को अलग-अलग नामों को सिर्फ एक नाम से सूचीबद्ध करने, पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित जाति नक्काल से हसनी करने, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उ0प्र0 की सर्वेक्षण रिपोर्ट एवं संस्तुतियों को सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा-8(1)(29) के अन्तर्गत प्रकट किये जाने से छूट एवं क्रीमीलेयर की आय सीमा बढ़ाये जाने सम्बंधी विषयों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सैनी ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश के निर्बल, असहाय, कमजोर एवं पीड़ित समुदाय सम्बंधी मामलों की निरन्तर सुनवाई करते हुए उन्हें न्याय दिलाने के साथ-साथ सहायता भी प्रदान कर रहा है। आयोग में इन समुदायों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से सम्बंधित शिकायती वादों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। यही कारण है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पर पिछड़े वर्ग का विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।
बैठक में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष, हीरा ठाकुर, प्रभुनाथ चौहान, आयोग के सदस्यगण, आयोग की सचिव अर्चना गहरवार सहित आयोग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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