लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनपद वाराणसी में आयोजित ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि काशी का विकास पूरे देश का रोडमैप हो सकता है। हमारे देश में ज्यादातर शहर पारंपरिक शहर हैं और पारंपरिक तरीके से विकसित हुए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी उतनी ही अहमियत है। हमें इन शहरों की विरासत और स्थानीय कौशल को संरक्षित करना चाहिए और इन शहरों का कायाकल्प आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमारे शहर हमारी अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। हमें शहरों को वाइब्रेंट इकोनॉमी का हब बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समग्र प्रणाली विकसित की जाए, जहां एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सभी सुविधाएं एक साथ विकसित हों, जो आर्थिक गतिविधियों को आमंत्रित करने के साथ ही उन्हें बढ़ावा भी दे।
प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छता के लिए शहरों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर बल देते हुए महापौरों से इस संबंध में आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने शहर के वॉर्डों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करें। स्वच्छता के साथ-साथ शहरों के सौंदर्यीकरण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ स्वरोजगार को विकसित करने की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना द्वारा जिले की परम्परागत कला, हस्तशिल्प, उद्यम कला को विशिष्ट पहचान और उसे उद्यम गतिविधियों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने महापौरों से कहा कि वे अपने शहर के किसी विशिष्ट उत्पाद अथवा स्थान की विशिष्ट पहचान को विकसित करें।
प्रधानमंत्री जी ने विकास मॉडल में एम0एस0एम0ई0 को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे। केन्द्र सरकार पी0एम0 स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने महापौरों से अपने शहर में रेहड़ी-पटरी दुकानदारों की एक सूची बनाने और उनको योजनाओं से जोड़ने तथा डिजिटल लेन-देन एवं वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए कहा। इससे बेहतर शर्ताें पर बैंक वित्त की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का महत्व बहुत स्पष्ट रूप से सामने आया है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि महापौर अपने शहर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम कर सकते हैं। अपने शहर में एक जगह का चयन करके पी0पी0पी0 मोड के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान एक स्मारक भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि महापौरों को शहरों का जन्मदिन मनाना चाहिए। नदियों वाले शहरों को नदी उत्सव मनाना चाहिए। नदियों की महिमा का प्रचार-प्रसार करना चाहिए, ताकि लोग अपनी नदियों पर गर्व करें और उन्हें स्वच्छ रखें। उन्होंने कहा कि ‘हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे’, की अवधारणा पर कार्य करने होंगे। नदियों को शहरी जीवन के केंद्र में वापस लाया जाना चाहिए। इससे हमारे शहरों को एक नया जीवन मिलेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बन्द किया जाए तथा कचरे से धन बनाने के तरीके तलाशे जाएं। शहरों की स्ट्रीट लाइटों और घरों में एल0ई0डी0 बल्बों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा योजनाओं के नए उपयोग की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमें शहरी जीवन के विभिन्न पहलुओं के संबंध में जनहितैषी सोच को विकसित करना होगा। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ाना होगा। उन्होंने महापौरों से कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान-सुलभ भारत अभियान’ के तहत शहरों में दिव्यांगों के अनुकूल सुविधाओं को विकसित किया जाए।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि महापौर का पद एक सार्थक राजनीतिक करियर के लिए एक ठोस आधार हो सकता है, जहां आप देश के लोगों की सेवा कर सकते हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल सक्रिय राजनीति में आने से पूर्व अहमदाबाद के महापौर थे। देश आज भी सरदार पटेल के कार्याें को याद करता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वाराणसी में ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 07 वर्षाें में काशी में विकास के नये मापदण्ड स्थापित किये हैं। 13 दिसम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री जी ने काशी विश्वनाथ धाम को राष्ट्र को समर्पित किया। काशी विश्वनाथ धाम देश के पुरातन एवं आधुनिक परम्परा के व्यवस्थित समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी में ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस की पहली बैठक करने का सौभाग्य उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में काशी की मूल संस्कृति एवं परम्परा को बनाये रखते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का काशी मॉडल देश और दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार विकासपरक काशी मॉडल को आगे बढ़ाने में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में नगरीय विकास की एक बड़ी भूमिका है। लोग नगरीय क्षेत्रांे में सुरक्षा, अच्छी सुविधाओं, स्वच्छ वातावरण एवं अच्छे जीवन के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने इस दिशा में योजनाबद्ध ढंग से लगातार कार्य किया है। स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत देश के 100 शहरों में उत्तर प्रदेश के 10 शहर शामिल हैं। प्रदेश सरकार 07 नगर निगमों को अपने संसाधनों से राज्य स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रही है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्वच्छता, जलापूर्ति, पथ-प्रकाश, सीवरेज, सड़क, एवं पार्क को तेजी से विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में अमृत योजना के अन्तर्गत 60 शहरों में बुनियादी सेवाओं को विकसित किया जा रहा है, जिसमें सीवर, पेयजल, अच्छी सड़कें जैसे इत्यादि कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का निर्माण कराया। इससे कुम्भ में आये हुए 24 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबन्द रही तथा जनपद प्रयागराज की नगरीय व्यवस्था भी दुरुस्त रही। प्रदेश सरकार ने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को अन्य शहरों में व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया है। इसी प्रकार, स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम को विकसित करके उसे सेफ सिटी के साथ जोड़कर शहरों को सुरक्षित बनाने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी एवं प्रेरणादायी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 17.5 लाख से अधिक परिवारों को आवास उपलब्ध कराये गये हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 16 लाख से अधिक एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटें जगमगाती हुई दिखायी दे रही हैं। इससे कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है। साथ ही, नगरीय क्षेत्रों में बिजली के बिल में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 सेे शुरू हुए स्वच्छ भारत मिशन के परिणामों के फलस्वरूप आज नगरीय गन्दगी में अभूतपूर्व कमी आयी है। हर घर में शौचालय एवं सामुदायिक शौचालयों ने स्वच्छता की एक नयी तस्वीर प्रस्तुत की है। नगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट के व्यवस्थित कार्याें से नगरीय स्वच्छता का मापदण्ड बढ़ा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में काशी ने विकास की एक लम्बी यात्रा को आगे बढ़ाकर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य होने के साथ ही सर्वाधिक नगरीय निकायों वाला राज्य भी है। प्रदेश की लगभग 23 से 24 प्रतिशत आबादी नगरीय क्षेत्रों में निवास करती है। वर्तमान में प्रदेश में 734 नगरीय निकाय हैं। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद तथा 517 नगर पंचायत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी नगरीय निकाय विकास के एक मॉडल बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस नगरीय क्षेत्रों के विकास को आगे बढ़ाने की एक सुनिश्चित योजना का हिस्सा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लगभग 120 महापौर व्यवस्थित विकास के इस मॉडल को समझकर और अपने अनुभवों को इस कॉन्फ्रेंस में साझा करते हुए विकास के सस्टेनेबल मॉडल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रत्येक पात्र नागरिक को वर्ष 2022 तक पक्का आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री जी के सपने को साकार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीब लोगों के लिए 01 करोड़ 14 लाख मकानों की स्वीकृति दी गई है। 54 लाख लोगों को आवास उपलब्ध कराये जा चुके हैं और 90 लाख आवास निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी में हेरिटेज व स्मार्ट सिटी का यूनीक कॉम्बिनेशन है।
प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ नगरीय क्षेत्र के लोगों को मूलभूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों की तस्वीर में काफी परिवर्तन आ चुका है। नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मूलभूत बुनियादी सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। पेयजल, सीवर व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता भी शहरों में दिखाई देने लगी है।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी, अखिल भारतीय महापौर संघ के अध्यक्ष नवीन जैन सहित अन्य महापौरगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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