लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2014 के पहले इस देश में तोड़ने और बांटने वाली शक्तियां प्रभावी थीं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजनीति को “जोड़ने” की दिशा दी। प्रदेश के सबसे लंबे “गंगा एक्सप्रेस-वे” के शिलान्यास के अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि 2014 से पहले जो नारे लगते थे घोषणाएं होती थीं वह चुनाव तक सीमित रहती थी लेकिन 2014 के बाद अब जोड़ने का काम हो रहा है। आजादी के बाद जिन मुद्दों से दूरी बनाई गई उन सबको महत्व देने का काम पीएम मोदी ने किया है। जोड़ने की इस नई राजनीति का प्रतिफल है कि आज किसान, नौजवान, श्रमिक, मातृशक्ति सबका सम्मान हो रहा है।
शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री मोदी का अभिनन्दन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि शाहजहांपुर की धरती रामप्रसाद बिसमिल्ल से लेकर परमवीर चक्र विजेता की भी धरती है। प्रधानमंत्री के हाथों गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रदेश के विकास में नवीन आयाम जोड़ने वाला है। सीएम योगी ने कहा कि यूपी के अंदर 1947 से 2017 तक एक एक्सप्रेसवे बना था लेकिन उससे बाद तक छह एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। आज यूपी की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम हो रहा है। पहली बार श्रमिक सम्मान प्राप्त कर रहा है किसान सम्मान प्राप्त कर रहा है। काशी विश्वनाथ धाम में भगवान शिव की पूजा के बाद श्रमिकों के अभिनंदन ने हर किसी को अभिभूत किया तो प्रयागराज कुंभ का संदर्भ देते हुए सीएम ने जनता को प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छताकर्मियों का पैर धोना कभी भुलाया न जा सकेगा।
इन 12 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। एक्सप्रेस-वे पर वायु सेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किमी की हवाई पट्टी भी होगी। यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा जिसे बाद में बढ़कर 8 लेन तक किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए अब तक लगभग 94 फीसदी जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। एक्सप्रेस-वे परियोजना में लगभग 140 नदी/धारा/नहर/नाला, शामिल हैं। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे पर 07 रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 375 अंडरपास, 17 स्थानों पर इंटरचेंज और 15 रैम्प टोल प्लाजा का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। अनुमान के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12 हजार व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी नौकरी मिलेगी।
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