लखनऊ: प्रदेश सरकार की नीति है कि प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए हाईवे, एक्सप्रेसवे बनाया जाना जरूरी है, जिससे विभिन्न वस्तुओं के आयात-निर्यात एवं यातायात के लिए अच्छे साधन बन सके। प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गये पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तथा बन रहे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जहां पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के रास्ते खोल रहे हैं, वहीं गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से प्रदेश के पश्चिमांचल से लेकर पूर्वांचल तक सीधी एक्सप्रेसवे होने से प्रदेशवासियों को शैक्षिक, प्राविधिक, तकनीकी, कृषि, औद्योगिक, व्यावसायिक, व्यापारिक, पर्यटन आदि क्षेत्रों मंे लाभ होगा। प्रदेश सरकार द्वारा बनाये जा रहे गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से कच्चा माल शीघ्रता से अपने गंतव्य तक पहुचेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियन्त्रित होने से वाहनों के ईधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव होगा। इस परियोजना के पूर्ण होने पर आच्छादित क्षेत्रों के निवासियों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों एवं कुटीर उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होगा।
एक्सप्रेसवे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में अबतक 82750 कृषकों से 94 प्रतिशत भूमि क्रय की जा चुकी है। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जब भूमि क्रय की जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर थी। प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे, मेरठ, बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुड़ापुर दॉदू ग्राम के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर जायेगा। यह एक्सप्रेसवे 06 लेन (08 लेन विस्तारणीय) की चौड़ाई में है, इसकी लम्बाई 594 किमी0 एवं राइट ऑफ वे 120 मी0 लिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे पर प्रवेश एवं निकासी हेतु अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज द्वारा सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
गंगा एक्सप्रेसवे के परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा हेतु स्टैगर्ड के रूप में सर्विस रोड का प्राविधान किया गया है। एक्सप्रेसवे निर्माण के अंतर्गत 07 आर0ओ0बी0, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 381 अण्डरपासेज का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। गंगा एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताआंे की सुविधा हेतु 09 जनसुविधा परिसर बनाया जाना प्रस्तावित है। आपातकाल में वायु सेना के विमानों के लैण्डिंग/टेक ऑफ हेतु जनपद शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी विकसित किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू0 36230 करोड़ है। परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है, अबतक लगभग 94 प्रतिशत भूमि का क्रय/पुनर्ग्रहण किया जा चुका है।
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