बांदा। जिले में अवैध खनन के लिये कुख्यात मरौली की बालू खदानों के खिलाफ खबर का असर हुआ है। खनिज निदेशालय से गठित टीम खदान के खंडों पर पहुंची। खनन क्षेत्र की जांच की गई।
आपको बता दें की मटौंध थाना क्षेत्र के अन्तर्गत मरौली में केन नदी में बालू की छह खदानें है। इनमें खंड दो, तीन, चार और छह वर्तमान में संचालित है। इन संचालित खदानों में से अधिकांश निर्धारित खनन सीमा से हटकर खनन कर सरकार के राजस्व को चूना लगा रहीं है।खनन नियमावली की पूर्ण अनदेखी हैं। किसानों की जमीनों से खनन माफिया अवैध दबंगई के बल पर बालू भरे वाहनों का परिवहन कर रहें है। इनमें खंड चार और छह के संचालकों का आतंक गांव और किसानों पर छाया हुआ है। रास्तों के विवाद को लेकर हत्या एवं खूनी संघर्ष तक की घटनाएं हो चुकी है।
मटौंध थाना पुलिस खनन माफियाओं के कथित हुक्म का गुलाम बनी हुई है! एवज में धन का खेल है! जो ग्रामीण शिकायत करता है उनका शांति भंग में चालान कर दिया जाता है। इसको लेकर धरना-प्रदर्शन कई बार हो चुके है। मरौली की खदान चार और छह को तों अब तक ब्लैक लिस्टेड हो जाना चाहिऐ, लेकिन यह खदान संचालक प्रशासन के अति चहेते बन उनके कुबेर का खजाना सा साबित हो रहें हैं।
इस सन्दर्भ में खनिज निदेशक रोशन जैकब एवं अपर मुख्य सचिव अविनाश अवस्थी को पिछले दिनों पूरी जानकारी हमने दी। इस पर जांच कराये जाने का आश्वासन दिया गया था। जांच टीम के अधिकारियों नें बताया की खंड चार और छह की फिलहाल जांच की हैं। यह खदानें अवैध खनन में लिप्त पाई गई हैं। अन्य खंडों की भी जांच होगी। किसानों की जमीनों से भी अवैध परिवहन जांच के बाद बंद कराया जाऐगा।
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