लखनऊ : उत्तर प्रदेश निवेश का प्रदेश बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश व्यापारियों, उद्योगपतियों और उद्यमियों के लिए निवेश का नया केंद्र बन गया है। योगी सरकार ने व्यापार के लिए सही वातावरण तैयार किया है। साथ ही निवेश के लिए उचित माहौल बनाया है। निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए इच्छा जता रहे हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) इंडेक्स में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। निवेश मित्र पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार की सिंगल विंडो प्रणाली है, जिस पर ऑनलाइन लगभग 20 विभागों की 70 से अधिक सेवाएं एक ही मंच पर उपलब्ध हैं। साथ ही प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है और श्रमिक भी उपलब्ध हैं। प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए बड़ा उपभोक्ता बाजार भी उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश रक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई, कृषि, हथकरघा, बिजली और अन्य क्षेत्रों में निवेश को सरल बनाने में सफल रहा है। साथ ही सरकार की नीति पर्यावरण के अनुकूल सोलर पावर को आगे बढ़ाने की है। वहीं उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी ) द्वारा बीआरएपी 19 के तहत सुझाए गए 187 सुधारों में से 186 को लागू करने में सफल रहा है।
प्रदेश सरकार के पास अगले कुछ वर्षों के लिए प्रदेश में कई बड़े निवेश के प्लान भी आ गए हैं। डिफेंस कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता है। नई और बेहतर एमएसएमई नीतियां पूरे यूपी में सभी स्तरों पर औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश में रक्षा, एयरोस्पेस, वेयरहाउसिंग, डेटा सेंटर, विद्युत वाहन और फार्मा नए निवेश क्षेत्र के रूप में तेजी से उभर रहे हैं। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, कपड़ा, पर्यटन और फिल्म जैसे पारंपरिक क्षेत्र भी निवेश को आकर्षित कर रहे हैं। सौर ऊर्जा, जैव-ईंधन और नागरिक उड्डयन में भी निवेश की संभावनाएं हैं। अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है।
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