महात्मा गाँधी कि ज़िन्दगी और खिदमात पर उर्दू विषय में लिखित परीक्षा आयोजित
भागलपुर, अरहम ट्रस्ट कि ओर से महात्मा गाँधी कि ज़िन्दगी और खिदमात पर उर्दू विषय में लिखित परीक्षा में भाग लेने सभी स्टूडेंट को ईनाम देने का कार्यकर्म रखा गया था, कार्यक्रम कि अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी राम शरण जी ने किया,जबकि संचालन प्रोफ़ेसर शाहिद रज़मी ने किया, कार्यक्रम कि शुरुआत नात पाक और तिलावत ए क़ुरआन पाक से शुरू किया गया, नात पाक को अबू लेश ने पढ़ा, उस के बाद कार्यक्रम कि शुरू किया गया,परीक्षा में फर्स्ट से टेंन नंबर लाने वाले स्टूडेंट को ईनाम से नवाज़ा गया,फर्स्ट से नंबर टेन नंबर तक के बच्चों को ईनाम जय प्रकाश विश्वविधालय छपरा के वाइस चांसलर डॉक्टर फारूक अली और राजस्थान से आए उर्दू किताब लेखक अजीज उल्लाह सेरानी के हाथो द्वारा दिया गया,
महात्मा गाँधी जी के जीवन और खिदमात विषय की परीक्षा में भाग लेने वाली ज्यादातर लड़कियां थी,सभी प्रतिभागी ने ज़बरदस्त उत्साह देखा गया, सभी स्टूडेंट अपने अपने ईनाम लेने का इंतज़ार कर रहे थे,इस ईनामी जलसे में सभी सामाजिक कार्यकर्ता और सभी धर्म और वर्ग के लोग भी शामिल थे,
प्रोग्राम में वक्ताओं ने कहा कि उर्दू भाषा हमारे देश भारत की भाषा है ,उर्दू का जन्म हमारे देश में ही हुआ है ,जो आज पूरी दुनियां में पढ़ी लिखी और बोली जाती है ,इस कार्यक्रम के करने का हमारा मकसद एक ही है कि आज की जो नई पीढ़ी है जो उर्दू से कहीं न कही दूर होती जा रही है उनको फिर से उर्दू भाषा, पढ़ने लिखने, बोलने के लिए तैयार करना है क्योंकि उर्दू भाषा किसी मजहब की जुबान नही है,इस लिए कोई भी पढ़ लिख सकते है,उर्दू भाषा सब से आसान भाषा है ,बच्चा हो या बड़ा कोई भी इसे आसानी से सीख कर दूसरे भी लोगों को उर्दू लिखना पढ़ना सीख सकता है,देश की आजादी की लड़ाई में उर्दू का अहम रोल रहा था,आजादी के समय में देश के हर लोग अंग्रेज को छोड़ कर उर्दू भाषा जानते थे,जिस से आजादी के सिपाही की बात खत के माध्यम से एक दूसरे लोगो तक पहुंच जाती थी,अंग्रेज की हार में उर्दू का बहुत अहम रोल रहा है,
रिजवान खान ने कहा की आइंदा अगले वर्ष भी इस भी बेहतर कार्यकर्म किए जायेंगे,
इस प्रोग्राम में उपस्थित खास तौर पर डॉक्टर फारूक अली ,राम शरण,उदय, प्रोफेसर शाहिद रजमी,वली अहमद खान , दाऊद अली,संजय, कमर तांबा, इरशाद अहमद गुलाम अब्दुल कादिर , हबीब मुर्शीद खान , मिंटू कलाकार, शहनवाज वारसी , ऐनुल हुदा लड्डू ,मोइन गिरिडीह, मो फारूक, शाहवाज मौजूद रहे ,