आगरा : “किसान सम्मान दिवस“ के रूप में एक दिवसीय कृषि निवेश मेले का आयोजन जी0आई0सी0 ग्राउण्ड, पंचकुईया, शाहगंज, आगरा में किया गया, जिसका उद्घाटन मा0 राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम चौधरी उदयभान सिंह ने फीता काटकर किया।
मेले में मा0 राज्यमंत्री ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी का जन्मदिन है हम इसे हमेशा संपूर्ण भारत में किसान दिवस के रूप में मनाते हैं। यह किसानों का देश है और किसान हीं जीवन को चलाने वाला और पेट को भरने वाला एक ऐसा इंसान है, जो पूरे दिन प्रातः से लेकर शाम तक धरती माता की सेवा करता हुआ अन्नदाता के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी दुनिया का पेट भरता है आवश्यकताओं की पूर्ति पर अधूरा बे-अल्प खड़ा रह जाता है, इस दर्द को कैसे व्यक्त करूं, मेरे पास शब्द नहीं है। मंत्री होने के नाते जिंदगी को चलाने के लिए यदि खेती के बाद कोई दूसरा साधन है, वह है सूक्ष्म उद्योग लघु उद्योग और मध्यम उद्योग। हमारे पूर्वजों के जमाने में तो दुनिया में किसान ही एक आत्मनिर्भर था, आज संपूर्ण विश्व में और प्रदेश और केन्द्र सरकार के शासन में हम लोग यह सुनते हैं कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना है और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारे पुरखों ने जो साधन बनाया था। खेती के साथ-साथ प्रत्येक परिवार के साथ कोई न कोई अपना एक कुटीर उद्योग था, वितरण व्यवस्था इतनी चौकन्नी थी, जब खलिहान में अनाज (रास) रखे जाते थे, अन्न पैदा करने वाले का भूसा एक तरफ और अन्न एक तरफ और उसके पास हर वर्ग के लोग आते थे। हर विभाग का कार्य करने वाला आदमी आता था, आज आवश्यक हो गया है कि हर किसान का बेटा अपने हुनर को अपनी काबिलियत को कहीं न कहीं सूक्ष्म उद्योग, लघु उद्योग, मध्यम उद्योग का काम करें।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की सरकार है जिस दिन पहली कैबिनेट की बैठक हुई अनेक दलों ने अपनी-अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में यह निर्णय लिया कि जो आतंकवादी है देश को और प्रदेश को परिवार को और गांव को नुकसान पहुंचाते हैं, उन पर जो मुकदमा कायम है वह मुकदमा वापस लिए जाये, यह अन्य दलों का फैसला था। लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में जिन किसानों का कर्ज है वह कर्ज माफ करने की बात चलायी गई। उन्होंने कहा कि आज किसान दिवस के अवसर पर हम संकल्प लेकर जाएं कि हम अपने आगे आने वाली संतान को कर्मयोगी सुल्तान बनाने की कोशिश करें, दस्तकारी की शिक्षा दिलाने में अपनी कोशिश करें। उन्होंने कहा कि रेशम पालन का भी काम इस मौसम में देख लिया जाए, इस काम को बंद कमरे के अंदर भी कर सकते हैं। केवल अपनी खेती पर अर्जुन और शहतूत के 10 पेड़ लगा करके उनको पाल पोस करके, जिस कमरे में हम सोते हैं केवल तीन महीने के लिए हम उसमें रेशम के कीड़े पालने लगे और उसमें रेशम पैदा करने लगे तो मैं समझता हूं कोई भी किसान ऐसा नहीं होगा जो एक कमरे में 1 वर्ष में 2 से ढाई लाख रुपए पैदा न कर सकें।
मा0 केन्द्रीय राज्य कानून मंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि किसानों की आय दोगुनी हो। उन्होंने कहा कि किसान की आय दुगनी गेहूं, जौ, बाजरा से नहीं होगी, जब तक आप खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन, मछली पालन, सूअर पालन, लागत कम करने के लिए जैविक खेती, फूलों की खेती, फलों की खेती नहीं करेंगे, तब तक आपकी आय दोगुनी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि खेती फायदेमंद होती तो पिछले पांच हजार साल से हम लोग खेती कर रहे हैं, यहां बैठे हुए सभी लोग अरबपति होते, क्योंकि पिछले 50 पीढ़ी से खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह देश किसानों का है, गांव का है, देहात का है, लेकिन किसान नाराज होगा तो देश नाराज होगा, किसान खुश है तो देश खुश है, किसान गरीब है तो देश गरीब है, किसान ईमानदार है तो देश ईमानदार है।
कृषि निवेश मेले में कृषि, सहकारिता, एग्रो, कृषि रक्षा, पशुपालन, ग्राम्य विकास, उद्यान, वन, पंचायत राज मण्डी समिति, वैकल्पिक ऊर्जा, सिंचाई, नलकूप एवं विद्युत आदि विभागों के अधिकारियों के अतिरिक्त निजी कम्पनियां ने अपना स्टॉल लगाये एवं अपने सम्बन्धित पम्पलेट, साहित्य आदि सामग्री/उपकरणों को कृषकों को प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु उपलब्ध कराये। विभिन्न विभागों में निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने वाले कृषि निवेशों का वितरण भी मेले में किया गया। मेले में किसानों के हितार्थ संचालित योजनाओं एवं उसके लाभ की भी जानकारी किसानों को दी गई।
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