लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग का कार्य सतत जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 38 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 20 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 282 है।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जनपद अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, चित्रकूट, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, गाजीपुर, गोण्डा, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर तथा सुल्तानपुर में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिये प्रभावी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 18 से 20 लाख कोविड टीकाकरण का लक्ष्य रखा जाए, जिससे एक समय सीमा के अन्दर सभी लक्षित आयु वर्ग को वैक्सीनेट किया जा सके। टीकाकरण की उपयोगिता के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में गत दिवस तक 19 करोड़ 29 लाख 05 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 06 करोड़ 82 लाख 05 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। 12 करोड़ 47 लाख से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की 84.59 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 01 लाख 97 हजार 506 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 09 करोड़ 18 लाख 25 हजार 372 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। विगत दिवस आयी जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में एक ओमिक्रोन संक्रमित वैरिएण्ट की पुष्टि हुई है। लेकिन यह संतोषप्रद है कि वह भी अब कोविड निगेटिव हो चुकी है। साथ ही इनके सभी 13 प्राइमरी और 70 सेकेण्डरी कॉन्टैक्ट की आर0टी0पी0सी0आर0 की रिपोर्ट भी निगेटिव आयी है। इन सभी के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य सतत जारी रखा जाए। वर्तमान में प्रदेश में ओमिक्रोन का एक भी एक्टिव केस नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी राज्य अथवा विदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की टेªसिंग और टेस्टिंग की जाए। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन तथा हवाई अड्डों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। निगरानी समितियों को पुनः एक्टिव करें। गांवों तथा शहरों में बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति की टेस्टिंग कराएं। उनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए। आवश्यकतानुसार लोगों को क्वारण्टीन कर मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की आवश्कताओं के दृष्टिगत अभियान चलाकर प्रदेश के अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया गया। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से प्रभावी प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के बढ़ते केसों को देखते हुए सभी संसाधनों की सूक्ष्मता से पड़ताल कर ली जाए। वेण्टीलेटर, नीकू, पीकू की संख्या को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाए। अब तक 551 ऑक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके हैं। प्रत्येक ऑक्सीजन प्लाण्ट के संचालन के लिए कम से कम तीन कार्मिकों की तैनाती की जाए। इण्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेन्टर 24ग्7 एक्टिव मोड में रखे जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किया जा रहा है। हर दिन रात्रि 11 बजे से प्रातः 05 बजे तक रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू होगा। इसका सख्ती से अनुपालन कराया जाए। पुलिस बल लगातार गश्त करे। रात्रि में संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों को आवागमन की छूट दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी जीवनरक्षक दवा का अभाव न हो। इस संबंध में समीक्षा कर समय से आपूर्ति सुनिश्चित करा ली जाए। बाजारों में ‘मास्क नहीं तो सामान नहीं’ के संदेश के साथ व्यापारियों को जागरूक किया जाए। बिना मास्क कोई भी दुकानदार ग्राहक को सामान न दे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जाए। सड़कों/बाजारों में निकलने के लिए प्रत्येक दशा में मास्क लगाया जाना अनिवार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी शासकीय, अर्धशासकीय, संविदा तथा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए कृतसंकल्पित है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये गए हैं। कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए उच्चस्तरीय समितियां गठित की गई हैं। सभी से संवाद कर उनकी मांगों पर निर्णय लिया जाए। समस्त विभागीय अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्मिकों से सतत संवाद करते रहें। कर्मचारियों की समस्याओं पर त्वरित निर्णय लें। अनावश्यक विलम्ब न किया जाए।
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