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उस्मान लुधियानवी मजलिस अहरार के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित

1929 में स्थापित हुई पार्टी ने भारत की जंग-ऐ-आजादी में मुख्य भूमिका निभाई है
लुधियाना,: भारत में स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य भूमिका निभाने वाली भारतीय मुसलमानों की जमात मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के मुख्य कार्यालय में आज कार्यकारणी समिती की उपस्थिति में शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी को सर्व सम्मति से कार्यकारी अध्यक्ष गुलाम हसन कैसर की जगह मजलिस अहरार का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। वर्णनयोग है कि बीती 10 सितंबर को मजलिस अहरार के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी पूर्व शाही इमाम पंजाब का निधन हो गया था, वर्णनयोग है कि मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी अहरार के 6वें राष्ट्रीय अध्यक्ष बने है इन से पहले 1929 में स्वतंत्रता संग्राम और अंग्रेज के टोडियों को बेनकाब करने के लिए बनाई गई मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के सिलसिले बार महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी (प्रथम), मौलाना अताउल्लाह शाह बुखारी, चौधरी अफजल हक, शेख हस्सामुदीन,मौलाना हबीब उर रहमान सानी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। मजलिस अहरार इस्लाम ने भारत की जंग-ए-आजादी में बड़ा योगदान दिया है। अहरार के पचास हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए जेल काटी है और अहरार के प्रथम अध्यक्ष व संस्थापक रईस उल अहरार मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने अंग्रेजी सम्राज के साथ संघर्ष में 14 साल आठ महीने जेल काटी है जो की स्वतंत्रता संग्राम में किसी भी सेनानी की ओर से काटी गई कैद से ज्यादा है, अहरार कार्यकर्ता और लीडरों ने अंग्रेजों के समय दुश्मन के साथ-साथ उन गद्दारों के खिलाफ भी आंदोलन चलाया जो कि धर्म का चोला पहन कर अंग्रेजों की मदद कर रहे थे। अहरार पार्टी को भारत की जंग-ए-आजादी के इतिहास में भी सुनहरी अक्षरों में लिखा गया है क्योंकि अहरार के लोगों ने धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई और देश भगत मुसलमान कहलाए। जंग-ए-आजादी में मजलिस अहरार इस्लाम हिंद ने कई देश व्यापी आंदोलन किए जिन में सिवल नाफरमानी आंदोलन, जेल भरो आंदोलन, तहरीक-ए-मद्दे सहाबा लखनऊ, कश्मीर आंदोलन, हिंदू पानी-मुस्लिम पानी के विरोध में आंदोलन, अंग्रेज फौजी भर्ती बायकॉट आंदोलन वर्णनयोग हैं। आज यहां मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के मुख्य दफ्तर में अपना पदभार ग्रहण करते हुए मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने कहा कि मेरे लिए यह शुक्र गुजारी का मौका है कि मुझे इस महान जमात की सेवा का जिम्मा सौंपा गया है, मैं अल्लाह ताला की जात को हाजिर नाजिर जान कर यह प्रण करता हूं कि अपने पूर्वजों द्वारा संचालित इस जमात की उसी जज्बे और हिम्मत के साथ लेकर आगे बढूंगा, उस्मान लुधियानवी ने कहा कि अहरार हमेशा हक और सच डंके की चोट पर बोलते हैं और मैं इस रिवायत को जारी रखूंगा ,ताकतवर लोगों और सरकारों को समय समय पर टोकना और गरीब की आवाज उठाना ही हमारा मकसद है। उस्मान लुधियानवी ने कहा कि इस जमात की स्थापना के समय कादीयानी फितने को बेनकाब करने के लिए जो आंदोलन तहफुज खत्मे नबूव्वत सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के नाम से शुरू किया गया था वो इंशाअल्लाह जारी रहेगा। उस्मान लुधियानवी ने कहा कि हम देश के गद्दारों के साथ-साथ फिरकाप्रस्त ताकतों के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगे।