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इत्र कारोबारी से 200 करोड़ नकदी की बरामदगी पर भाजपा-सपा के बीच ब्लेम गेम

कानपुर: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर जीएसटी टीम की छापेमारी ने उत्तर प्रदेश में सियासी पारा और बढ़ा दिया है और भाजपा, सपा के बीच ब्लेम गेम (आरोप प्रत्यारोप) शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर, सीएम योगी आदित्यनाथ तक जहाँ एक ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर ले रहे हैं वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इसको लेकर आज पलटवार किया है और कहा है कि जो छापा पड़ा है, जो पैसा निकला है… अंत में देखेंगे कि यह पैसा बीजेपी का ही निकलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कहीं न कहीं इत्र को बदनाम कर रहे हैं, उस कन्नौज को बदनाम कर रहे हैं, जिसने कितनों को रोजगार दिया है, कारोबार दिया है। अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि बीजेपी बताए कि नोटबंदी के बावजूद उसके पास से इतना पैसा कहां से मिला और किन बैंकों ने पैसा देने का काम किया।

दरअसल, कर चोरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे गए कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से अब तक करीब 194 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 23 किलोग्राम सोना और अन्य कीमती सामान जब्त किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि पान मसाला (गुटखा) एवं इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवास से 177.45 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी मिली है। इसके अलावा कारोबारी के कन्नौज स्थित ठिकानों (आवासीय और कारखाना परिसर) से भी तलाशी दल को करीब 17 करोड़ रुपये की नकदी मिली है।

इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से इनकम टैक्स छापेमारी में 194 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा करोड़ों रुपये का सोना, चांदी और चंदन का तेल मिला है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के अधिकारियों को घरों की दीवारों, सीलिंग, अलमारियों और तहखाने से बंपर कैश मिला। कानपुर से 177.45 करोड़ रुपये और कन्नौज से 17 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ है। इसके साथ ही अब तक 64 किलो सोना, लगभग 250 किलो चांदी और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ है। यह सीबीआईसी के अधिकारियों द्वारा नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।

पीयूष जैन की अकूत संपत्ति जीएसटी इंटेलिजेंस के रडार में आने के पीछे रही, एक पान मसाला कंपनी को परफ्यूम की सप्लाई। पूरा वाकया शुरू हुआ मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स द्वारा संचालित 4 ट्रकों से। कर अधिकारियों के पास सूचना थी कि शिखर पान मसाला बनाने वाली कंपनी त्रिमूर्ति फ्रैग्रेंस प्राइवेट लिमिटेड के पान मसाला और तंबाकू उत्‍पाद लागू कर के भुगतान के बिना ही ट्रान्सपोर्ट रहे हैं। ट्रांसपोर्टर सामान की ढुलाई के दौरान ई-वे बिल से बचने के लिए ऐसी कंपनियों के नाम पर कई इनवॉइस का इस्तेमाल करता था, जो सभी 50,000 रुपये से कम के होते थे। ट्रांसपोर्टर इस गैर कानूनी सप्लाई की बिक्री से मिली धनराशि को नकद में ले रहा था और अपना कमीशन काटने के बाद विनिर्माता को सौंप रहा था।

अधिकारियों ने शुरुआत में पान मसाला मैन्युफैक्चरर की फैक्ट्री परिसर के बाहर बिना इनवॉइस और ई-वे बिलों के फैक्ट्री से बाहर निकले ऐसे 4 ट्रकों को सफलतापूर्वक पकड़ा और सीज कर लिया। इससे उन्हें मिली टिप की पुष्टि हो गई।

इसके बाद जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद इकाई ने 22 दिसंबर 2021 को कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के कारखाना परिसरों, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर के कार्यालय/गोदामों और मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कानपुर एवं कन्नौज स्थित आवासीय/कारखाना परिसरों में तलाशी अभियान शुरू किया।

पान मसाला मैन्युफैक्चरर के फैक्ट्री परिसरों के भीतर, भौतिक रूप से स्टॉक लेने के दौरान कच्चे माल और तैयार उत्पादों की कमी देखी गई, क्योंकि तैयार उत्पादों को गैर कानूनी रूप से बाहर निकाला गया था। कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता ने स्वीकार किया कि जीएसटी भुगतान के बिना सामान को बाहर भेजा गया है। शिखर ब्रांड पान मसाला/तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं ने अपनी कर देनदारी के रूप में 3.09 करोड़ रुपये की रकम जमा की है।

ट्रांसपोर्टर एम.एस. गणपति रोड कैरियर्स के परिसरों में जीएसटी के भुगतान के बिना सामान की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की गईं 200 से ज्यादा फर्जी इनवॉइस मिलीं। ट्रांसपोर्टर ने भी स्वीकार किया कि फर्जी इनवॉइसेज के तहत ई-वे बिलों के बिना सामान बाहर भेजा गया था और बिक्री की धनराशि नकद में लेकर विनिर्माता को सौंपी जा रही थी। ट्रांसपोर्टर के कब्जे से 1.01 करोड़ रुपये की धनराशि नकद में जब्त की गई।

पीयूष जैन की साझेदारी वाली कंपनी मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज, परफ्यूमरी कंपाउंड्स की आपूर्तिकर्ता है। यह कंपनी शिखर पान मसाला को भी परफ्यूमरी कंपाउंड्स की सप्लाई करती थी। मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कानपुर एवं कन्नौज स्थित आवासीय/कारखाना परिसरों में भी आयकर के छापे पड़े और पीयूष जैन के यहां से बेशुमार नकदी और सोना हाथ लगे।

जीएसटी के तहत ट्रान्सपोर्टर्स को सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ईवे बिल चाहिए होता है। ईवे बिल यानी इलेक्ट्रॉनिक वे बिल। इसे ईवेबिल पोर्टल से जनरेट किया जाता है। लेकिन इसे तभी जनरेट करना होगा, जब एक वाहन में ट्रान्सपोर्ट किए जाने वाले सामान की वैल्यू 50000 रुपये से ज्यादा हो। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि एक जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्ति एक वाहन में 50000 रुपये से ज्यादा का सामान (सिंगल इनवॉइस/बिल/डिलीवरी चालान) ईवे बिल जनरेट किए बिना ट्रान्सपोर्ट नहीं कर सकता। अगर वह ऐसा करता है तो यह नियमों का उल्लंघन होगा।

ट्रान्सपोर्टेड गुड्स के लिए ईवेबिल जनरेट न करना पड़े, सामान रिकॉर्ड में न आए, इसके लिए जालसाज कारोबारी फर्जी इनवॉइस के जरिए सामान की वैल्यू कम दिखाते हैं। नहीं तो उन्हें जीएसटी भरना पड़ेगा। इस तरह सामान के ट्रान्सपोर्ट पर जीएसटी की चोरी की जाती है।

पीयूष जैन से डीजीजीआई के अधिकारियों ने जब पूछताछ की उसने स्वीकार किया कि आवासीय परिसरों से बरामद नकदी जीएसटी का भुगतान किए बिना ही माल की बिक्री से संबंधित है। मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज, कन्नौज द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी का संकेत देने वाले व्‍यापक उपलब्ध सबूतों को देखते हुए पीयूष जैन को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत निर्दिष्‍ट अपराध करने के मद्देनजर 26 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीयूष जैन को दिनांक 27 दिसम्बर 2021 को सक्षम अदालत में पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के उनकी पार्टी से किसी तरह के संबंध से इनकार किया और मजाक में कहा कि भाजपा ने गलती से अपने ही व्यवसायी पर छापा मारा है। यहां समाजवादी रथ यात्रा शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत में सपा प्रमुख ने कहा कि व्यापारी के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) से कई भाजपा नेताओं के नाम सामने आएंगे जो उनके संपर्क में थे।

अखिलेश ने कहा कि गलती से भाजपा ने अपने ही कारोबारी पर छापा मारा है।’ उन्होंने दावा किया कि “समाजवादी इत्र” सपा एमएलसी पुष्पराज जैन ने लांच किया था न कि पीयूष जैन ने। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने डिजिटल भूल से अपने ही व्यवसायी मित्र पीयूष जैन के यहां छापा मारा। सपा प्रमुख ने कहा कि भारी मात्रा में नकदी की वसूली ने साबित कर दिया है कि नोटबंदी और जीएसटी विफल हो गए हैं। इससे पहले भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन से समाजवादी पार्टी के संबंध रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को हरदोई की सभा में कहा कि कुछ दिन पहले आयकर विभाग ने छापा मारा तो भाई अखिलेश के पेट के अंदर मरोड़ होने लगा। कहने लगे कि राजनीतिक द्वेष के कारण छापा मारा गया है और आज उन्हें जवाब सूझ नहीं रहा है कि समाजवादी इत्र बनाने वाले

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