लखनऊ : उत्तर प्रदेश पिछले साढ़े चार साल में रहने के लिहाज से काफी सुगम हुआ है। योगी सरकार ने बेहतर आवास, स्वच्छता, लोगों तक रसोई गैस कनेक्शन की आसान पहुंच आदि जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश को रहने के लिहाज के आसान बनाया है। सरकार ने प्रदेश में सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ इन सुविधाओं तक लोगों की पहुंच को सुलभ बनाया है।
योगी सरकार ने एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया है और प्रति व्यक्ति ग्रामीण घरेलू उत्पाद को बढ़ाया है। बुनियादी ढांचे के विकास, कानून और व्यवस्था पर ध्यान, ग्रीनफील्ड टाउनशिप के निर्माण, नोएडा फिल्म सिटी, पर्यटन के लिए विशेष पहल, एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डे आदि ने लोगों के जीवन को सरल बनाया है। उज्ज्वला योजना जैसी परियोजनाओं ने प्रदेश के परिवारों को रसोई गैस तक आसान पहुंच हासिल करने में काफी मदद दी है। वहीं प्रदेश सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य के 75 जिलों के सभी 652 स्थानीय निकायों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आसान पहुंच और लोगों की सहूलियत को देखते हुए बैंकिंग कारेपान्डेंस सखी कार्यक्रम चलाया है ताकि राज्य की महिलाओं को अपने घरों में आराम से नकद निकासी और जमा जैसी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच हो सके।
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के हिसाब से देश में रहने के लिहाज से उत्तर प्रदेश के 14 शहर बेहतर माने गए हैं। लखनऊ प्रदेश में रहने के लिहाज से सबसे बेहतर है। वहीं इस मामले में वाराणसी को दूसरी रैंकिंग मिली है। प्रदेश के अन्य छोटे शहरों की बात की जाए तो झांसी इस मामले में सबसे ऊपर है। देशभर की रैकिंग के हिसाब से बड़े शहरों में लखनऊ 26वें, वाराणसी 27वें और छोटे शहरों में झांसी 34वें पायदान पर है। साथ ही टीकाकरण अभियान, कृषि सुधार, जैविक खेती के लिए गंगा बेसिन कॉरिडोर का विकास, स्वच्छ पेयजल के साथ स्वच्छ गंगा मिशन, स्थायी ऊर्जा समाधान, हाशिए के समुदायों और वनटांगिया व मुसहर जैसे गांवों के उत्थान ने उत्तर प्रदेश को बदलने में मदद की है।
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