लखनऊ : इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट के 40वे ऑनलाइन राष्ट्रीय अधिवेशन में दूसरे दिन कार्बनिक, अकार्बनिक, भौतिक एवं एनालिटिकल रसायन विज्ञान के समांतर सत्रों में विभिन्न विषयों पर आमंत्रित व्याख्याताओं ने शोध पत्र प्रस्तुत किए तथा 50 से अधिक शोध पत्र युवा वैज्ञानिकों ने प्रस्तुत किए। एक सत्र, विशेष रूप से युवा वैज्ञानिकों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागी की उम्र अधिकतम 35 वर्ष थी।
निर्णायक मंडल ने तकनीकी दृष्टि से सबसे अच्छे शोध पत्र पढ़ने वाले को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के लिए चुना। युवा वैज्ञानिक पुरस्कार पाने वालों में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के आकाश घोटी एवं बापू पी पटेल आईआईटी मद्रास चेन्नई की सुमाना ब्रह्मा तथा उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद के रविंद्र धारावत को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार आईसीसी की तरफ से दिया गया। पुरस्कार की घोषणा आईसीसी के सचिव एवं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश धाकरे ने की।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि सथाव्हाना विश्वविद्यालय करीमनगर, तेलंगाना के कुलसचिव डॉ एम वारा प्रसाद ने अपने संबोधन में आईसीसी के द्वारा युवा वैज्ञानिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के लिए सराहना की। उन्होंने युवाओं को अपने शोध कार्य से आम जन को जोड़ने का आव्हान किया।
तकनीकी सत्रों के प्रभारियों प्रोफेसर सतीश परदेसी, प्रोफेसर शिवा धार शर्मा, प्रो पी लीलावती एवं प्रोफेसर पी वेंकटेश ने अपने अपने सत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस वर्ष अधिकतर शोध पत्र नैनो रसायन, सुपरकंडक्टर, सोलर एनर्जी, ग्रीन एनर्जी आदि पर आधारित थे।
समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व कुलसचिव डॉ जी सी सक्सेना ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि द्वितीय विश्व के दौरान रसायन वैज्ञानिकों ने किस तरह स्थितियों को संभाला था। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत के साथ कार्य कर सफलता अर्जित करने की युक्तियां भी दी। उन्होंने शोधार्थियों को सफलता के पांच मन्त्र देते हुए कहा कि एक विद्यार्थी को सफल होने के लिए अल्पाहारी, ब्रह्मचारी, सतर्क, कम नींद लेने वाला व दूद्रष्टा होना चाहिए। डॉ सक्सेना ने वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनेक आविष्कारों की विभिन्न परिस्थितियों का उदाहरण देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में हमें अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।
काउंसिल के कोषाध्यक्ष डॉ मनोज रावत ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए सभी रसायनविदों व् शोधार्थियों से अपने भौगोलिक क्षेत्र एवं जलवायु के अनुरूप शोध को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने उद्योग और संस्थानों को मिलकर कार्य करने का आवाहन किया कि हमें अभी से अगले 20 वर्षों की शोध की दिशा तय करनी होगी।
प्रो अजय तनेजा ने सभी सत्रों का संचालन किया। सथाव्हाना विश्वविद्यालय तेलंगाना की ओर से डॉ ए जयंती एवं डॉ बी नम्रता ने सभी प्रतिभागियों एवं पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
समापन समारोह के दौरान अधिवेशन के आयोजन सचिव प्रोफेसर ऍम सारासिजा, प्रो डी अशोक, डॉ एस सी गोयल, डॉ बी पी सिंह, डॉ अमित अग्रवाल, डॉ विनोद कुमार, डॉ भूपेंद्र सिंह, डॉ जयसवाल गौतम आदि उपस्थित रहे।
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