राजनीति

कांग्रेस ही बचा सकती है संविधान, सपा- बसपा आरएसएस के दबाव में- शाहनवाज़ आलम

संविधान की प्रस्तावना का सस्वर पाठ कर लिया संविधान बचाने का संकल्प

मदरसों के बच्चों के बीच संविधान में सेकुलर और समाजवाद शब्द जोड़ने की 44 वीं सालगिरह पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने किया संविधान पर चर्चा

लखनऊ । संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और सेकुलर शब्द जोड़ने की 44 वीं सालगिरह पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मदरसों में संविधान पर चर्चा करवाई। लोगों ने इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें इस योगदान के लिए याद किया और संविधान की प्रस्तावना का सस्वर पाठ कर संविधान की रक्षा के लिए संकल्प लिया।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी ने संविधान में सेकुलर और समाजवाद शब्द जोड़ कर देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया। जिसके लिए देश हमेशा इंदिरा गांधी जी के प्रति कृतज्ञ रहेगा।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान से सेकुलर और समाजवाद शब्द हटाने के लिए माहौल बना रही है। इसी साज़िश के तहत 20 जून 2020 को राज्य सभा में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने प्राइवेट मेम्बर बिल ला कर प्रस्तावना से समाजवाद शब्द हटाने की मांग की। वहीं 3 दिसंबर 2021 को राज्य सभा में एक बार फिर भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने संविधान के प्रस्तावना से सेकुलर शब्द हटाने की मांग करते हुए प्राइवेट मेम्बर बिल लाया। वहीं 8 दिसंबर 2021 को जम्मू कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल ने भी बयान दिया कि संविधान से सेकुलर शब्द हटा देना चाहिए। लेकिन न तो राज्य सभा के उपसभापति के संविधान विरोधी आचरण का संज्ञान लिया गया और ना ही सुप्रीम कोर्ट ने ही पंकज मित्तल के संविधान विरोधी बयान का स्वतः संज्ञान ले कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाई की।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान बदलने की इस साज़िश के खिलाफ़ सिर्फ़ कांग्रेस ही मुखर हो कर बोल रही है। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने 24 दिसंबर को हर ज़िले से राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भेजा था। वहीं सपा और बसपा इस मुद्दे पर आपराधिक चुप्पी साधे हुए हैं जो साबित करता है कि वो आरएसएस के दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस हर स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है।