लखनऊ: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, मुजफ्फरनगर-द्वितीय एवं शामली के प्रशासनिक भवन का आज लोकार्पण किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि व मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में खेती क्षेत्र की प्रगति सहित समग्र विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश, अग्रणी राज्य बन गया है। इस जोड़ी ने उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर प्रशस्त किया है।
वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि वर्तमान परिवेश में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी जहां एक ओर देश के सर्वांगीण विकास की चिंता कर रहे हैं, वहीं कृषि क्षेत्र को उन्नत क्षेत्र में बदलने के लिए पूरी तरह प्रयत्नशील है। मोदी जी के नेतृत्व में गत सात वर्षों में अनेक योजनाओं का सृजन किया गया है, फंडिंग बढ़ाई गई है। किसान तकनीक से जुड़ें, महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, फसल विविधीकरण अपनाएं, दलहन- तिलहन व बागवानी फसलों की ओर उनका ध्यान रहे, वे सूक्ष्म सिंचाई की ओर जाएं और देश की आवश्यकता में अपना योगदान दें, इस दृष्टि से केंद्र सरकार ने जो योजनाएं बनाई, उनका क्रियान्वयन अच्छे से हो रहा है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री सहित पूरी टीम इन योजनाओं पर बेहतर अमल कर रहे हैं। राज्य में के.वी.के. का पूरा उपयोग करते हुए सहयोग दिया गया है। कृषि अनुसंधान नीचे तक पहुंचाने, अच्छी किस्मों के बीज व आदान किसानों को समय पर उपलब्ध कराने, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने व बुंदेलखंड सहित वर्षा आधारित क्षेत्रों को भी अच्छी स्थिति में बदलने में उ.प्र. सरकार ने बहुत सफलता पाई है।
तोमर ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ के समान है। इसे मजबूत करना हम सबका धर्म व कर्म है। प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के आह्वान पर सबके सहयोग से इसके सद्परिणाम सामने आ रहे है। इस संबंध में उन्होंने श्रीनगर (कश्मीर) में अपने प्रवास के दौरान केसर उत्पादक किसान द्वारा कही गई इस बात का उल्लेख किया कि वहां केंद्र सरकार द्वारा केसर पार्क विकसित किए जाने के कारण उन्हें केसर के एक लाख रुपये प्रति किलो के बजाय दो लाख रूपये प्रति किलो भाव मिल रहे हैं। कुल मिलाकर, केंद्र व राज्यों के सद्प्रयासों से अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के विचार को केंद्र में रखकर योजनाओं-कार्यक्रमों की रचना करना चाहिए। इस संबंध में उन्होंनें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का जिक्र किया, जिसके तहत गत एक जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दसवीं किस्त हस्तांतरित करने सहित अभी तक कुल 1.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि केंद्र सरकार से किसानों के पास पहुंच चुकी है, जिसका फायदा किसान व किसानी को प्राप्त हो रहा है। एक लाख करोड़ रूपये का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जैसी ऐसी कई अनेक योजनाएं है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रसन्नता जताई कि सभी योजनाओं का लाभ अन्य राज्यों के साथ ही बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उ.प्र. का यह क्षेत्र गन्ना उत्पादक है जहां एक समय था कि किसान गन्ना तो उगाता था लेकिन भुगतान नहीं होता था, किंतु अब भुगतान के अधिकांश प्रकरण निपटाने में राज्य सरकार ने अच्छी भूमिका का निर्वहन किया है। चीनी की रिकवरी भी श्रेष्ठ है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। पूरे उ.प्र. में किसानों से सरकारी खरीद का भी आंकड़ा बढ़ा है। दलहन व तिलहन की खरीद भी बढ़ाई गई है, जिसका फायदा किसानों की आमदनी की दृष्टि से हो रहा है।
तोमर ने प्रसन्नता व्यक्त की कि उ.प्र. को अग्रणी राज्य बनाने में प्रधानमंत्री मोदी जी का विजन व उनका दृढ़ संकल्प, केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं की स्वीकृति व मुख्यमंत्री योगी द्वारा उन सारी योजनाओं का क्रियान्वयन आज उ.प्र. के सारे परिदृश्य को बदल रहा है। प्रधानमंत्री जी द्वारा लगभग महीनेभर पहले ही जेवर में एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री जी ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। 700 करोड़ रुपये की लागत से जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है, जिसका प्रधानमंत्री जी ने शिलान्यास किया है।
इसके अतिरिक्त रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत यूपी में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है। जनपद बागपत में 11 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण भी किया गया, जिससे गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत एवं अन्य समीप के जनपदों में विकास को गति मिलेगी। पश्चिमी उ.प्र. को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी प्रारंभ किया जा रहा है। पश्चिमी उ.प्र. के गाजियाबाद, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में मेट्रो सेवाएं परिचालित हो रही हैं तथा आगरा में मेट्रो परियोजना निर्माणाधीन हैं, वहीं मेरठ में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही भी की जा रही है। ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रहे हैं, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, हेरिटेज सिटी, एपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक पार्क आदि परियोजनाएं भी विकसित की जा रही हैं। ये चहुंमुखी-सर्वांगीण विकास मोदी जी और योगी जी की ही देन है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी, उ.प्र. के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डा. ए.के. सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि.वि. के कुलपति डा. आर.के. मित्तल ने भी संबोधित किया। सांसद प्रदीप चैधरी व विधायक विक्रम सैनी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व विश्वविद्यालय-केवीके के अधिकारी-वैज्ञानिक-कर्मचारी एवं किसान भाई-बहन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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