लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका सम्मेलन को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने 754 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 169 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण तथा 585 आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 की अवधि में आंगनबाड़ी कार्यकत्री/मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं द्वारा किये गये निःस्वार्थ कार्यों के लिये उन्हें दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 (दो वर्ष हेतु) तक प्रतिमाह क्रमशः 500 रुपये, 500 रुपये एवं 250 रुपये अलग से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में कुल 3,06,829 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाएं कार्यरत हैं। वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को प्रतिमाह 5,500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 4,250 रुपये एवं सहायिकाओं को 2,750 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है। उक्त मानदेय में 01 जनवरी, 2022 से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को 500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को 500 रुपये एवं सहायिकाओं को 250 रुपये की वृद्धि की जाती है। इस वृद्धि के उपरान्त एवं राज्य सरकार द्वारा सितम्बर, 2021 से दिया जा रहा परफार्मेंस लिंक्ड इन्सेन्टिव (पी0एल0आई0) (आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री 1,500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को 1,250 रुपये, सहायिका को 750 रुपये) एवं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परफार्मेंस लिंक्ड इन्सेन्टिव (पी0एल0आई0) (आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री-500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री-500 रुपये, सहायिका-250 रुपये) को जोड़ते हुए आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को कुल 8,000 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को 6,500 रुपये एवं सहायिका को 4,000 रुपये प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 की निगरानी समिति में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों- शमा परवीन, कान्ती वर्मा तथा कमलेश यादव को सम्मानित किया। इसके अलावा सम्भव अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों एवं सहायिकाओं- नूरजहां, सरोजनी देवी, संध्या सिंह, रेखा देवी, नीतू देवी, मिथिलेश कुमारी, लाची देवी, गीता, प्रीति देवी तथा बबिता को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों तथा सहायिकाओं के बारे में यह माना जाता था कि वह कुछ नहीं करती थीं। आज आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपनी कुशलता से उत्तर प्रदेश को एक स्वस्थ और समृद्ध प्रदेश बनाने में अपना योगदान दे रही हैं। कोरोना कालखण्ड के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। कोरोना की पहली लहर के दौरान आप सबने पोषाहार को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान राज्य सरकार द्वारा निगरानी समिति का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा बहनें व ए0एम0एन0 ने राजस्व व पंचायतीराज कर्मियों के साथ मिलकर व्यवस्था बनायी। इससे 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार व श्रमिकों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग कर प्रदेश में सुरक्षित माहौल देने में काफी सफलता मिली। इससे राज्य सरकार को कोरोना की पहली लहर को नियंत्रित करने में काफी सफलता मिली। प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान निगरानी समितियों को पुनः सक्रिय किया गया। इन निगरानी समितियांे ने ग्राम प्रधान तथा पार्षद के नेतृत्व में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का कार्य तथा लक्षण युक्त व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें घर पर सुरक्षित माहौल देने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कोविड नियंत्रण में सबसे अच्छी सफलता प्राप्त की। कोरोना कालखण्ड के दौरान देश में सबसे अच्छा कोरोना प्रबन्धन का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने चिकित्सकों, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वाॅरियर्स तथा फ्रण्टलाइन आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी तथा ए0एन0एम0 के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोरोना की पहली वैक्सीन के जन्मदाता डाॅ0 मेलोन ने भी उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबन्धन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबन्धन पर शोध तथा अध्ययन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जीवन और जीविका को बचाने का जो मंत्र दिया, उसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों ने अपनी अहम भूमिका निभायी। कोरोना संक्रमण से स्वयं को बचाते हुए, दूसरों को बचाने का जो कार्य आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों द्वारा किया गया है, वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबन्धन की सराहना प्रधानमंत्री जी, नीति आयोग, डब्ल्यू0एच0ओ0 सहित तमाम देशों ने की है। प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी को सुरक्षित रखने में आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों की भूमिका अभिनन्दनीय रही है। भारत सरकार के स्वास्थ्य इण्डेक्स में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। यह सुधार आंगनबाड़ी, आशा बहनों, ए0एन0एम0 के योगदान के कारण सम्भव हो पाया है, इनके अथक प्रयासों से ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का मानना है कि तकनीक हमारे जीवन को सरल बनाती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को स्मार्ट फोन वितरित किए गए, जिससे उन्हें विभिन्न प्रकार के रजिस्टर भरने से निजात मिली है। उन्होंने कहा कि पोषण स्तर में सुधार का पहला कदम कुपोषण का सही चिन्हांकन है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्रोथ माॅनीटरिंग डिवाइस (जी0एम0डी0) का वितरण किया गया है। इस हेतु बच्चे, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के वजन/लम्बाई की निगरानी अति-आवश्यक है। पोषण स्तर के सही चिन्हांकन तथा नियमित वृद्धि की निगरानी हेतु पहली बार सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को कुल 5.5 लाख से अधिक ग्रोथ माॅनिटरिंग डिवाइस यथा-स्टेडियोमीटर (02 वर्ष से अधिक आयु की लम्बाई नापने हेतु), इन्फैन्ट वेईंग स्केल तथा इन्फैन्टोमीटर (02 वर्ष से कम आयु की लम्बाई नापने हेतु) उपलब्ध कराये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी का विशेष लगाव है। उन्होंने केन्द्रों को गोद लेने व उसमें आने वाले बच्चों को विभिन्न प्रकार की सामग्रियां उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि यदि समाज का एक तबका कमजोर होगा तो समाज के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को साकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कुपोषित परिवार को एक-एक गाय देने की प्रक्रिया प्रारम्भ की, जिससे कुपोषण के खिलाफ देश की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में रचनात्मक गतिविधियां संचालित की जा रहीं हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर से बड़ी संख्या में मौतें होती थीं, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय और भारत सरकार के सहयोग से कार्ययोजना बनाकर इसका बेहतर प्रबन्धन किया, जिसका परिणाम है कि मस्तिष्क ज्वर को समाप्त करने में सफलता मिली है। अब पूर्वी उत्तर प्रदेश मस्तिष्क ज्वर से मुक्त हो चुका है। जो कार्य पिछले 40 वर्षों में नहीं हो पाया, वह कार्य वर्तमान सरकार ने मात्र चार वर्ष में करके दिखाया है। पहले मस्तिष्क ज्वर से बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी। बच्चा कोई भी हो वह प्रदेश की अमानत था, क्योंकि वह किसी गरीब, दलित, अल्पसंख्यक का नहीं, बल्कि प्रदेश का बच्चा था। पिछली सरकारें उस बच्चे के बारे में नहीं सोचती थीं, वर्तमान सरकार में प्रधानमंत्री जी की संवेदनशीलता सभी के साथ जुड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व पोषाहार की क्वालिटी अच्छी भी नहीं होती थी और उसका वितरण भी नहीं किया जाता था। वर्तमान प्रदेश सरकार ने पोषाहार की गुणवत्ता व वितरण व्यवस्था में व्यापक सुधार किया है। उत्तर प्रदेश देश का सम्भवतः पहला राज्य है, जिसने पोषाहार की व्यवस्था महिला स्वयं सहायता समूह को देकर आंगनबाड़ी से जोड़कर इन्हें सशक्त बनाने का कार्य किया है। अब प्रत्येक गांव, जिले में यह पोषाहार बनेगा तथा वहीं वितरित होगा। महिला स्वयं सहायता समूहों का सशक्तीकरण हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले 04 वर्ष के आंकड़े स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। आज कई आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है। इसके अन्तर्गत बुनियादी शिक्षा के लिए 3-5 आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन होगा। आंगनबाड़ी केन्द्र बुनियादी शिक्षा की प्रारम्भिक पाठशाला होंगे। उन्होंने प्रदर्शित की गई डाॅक्यूमेण्ट्री फिल्म का उल्लेख करते हुए कहा कि फिल्म में एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री किस प्रकार से राष्ट्र व समाज के निर्माण में योगदान देती है, यह दर्शाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा किए गए कार्यों के दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के प्रति लोगों के नजरिये में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के साथ वर्तमान सरकार ने संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर प्रारम्भ हो गयी है। अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। आज से 15 से 18 वर्ष के किशोरों को भी वैक्सीन की डोज लगायी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी में मात्र 08 लोगों में कोरोना के नये वैरिएण्ट की पुष्टि हुई है। 20 करोड़ 25 लाख से अधिक कोरोना की वैक्सीन लगायी जा चुकी है। उन्हांेने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों से अपील की कि ऐसे लोगों की सूची तैयार करें, जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन अभी तक नहीं ली है और उन्हें वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करें।
महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को विशेष महत्व दिया है।
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