लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ भवन का शिलान्यास व राजकीय भवनों का लोकार्पण किया। इस अवसर उन्होंने दीक्षान्त परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने रिक्रूट आरक्षियों को संवैधानिक शपथ भी दिलायी।
मुख्यमंत्री जी ने रिक्रूट आरक्षियों निधि सिंह चौहान, काजल यादव, संतोषी कुशवाहा, ज्योति राठौर, मोनिका और प्राची चौहान को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आज एक साथ प्रदेश के 15,428 रिक्रूट आरक्षियों का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हो रहा है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की 519 महिला रिक्रूट आरक्षियां की दीक्षान्त परेड का साक्षी बनने का अवसर उन्हें प्राप्त हो रहा है। शानदार परेड के लिए मुख्यमंत्री जी ने रिक्रूट महिला आरक्षियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की बेटियां जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपने शानदार कैरियर को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगी। इसकी एक लघु झलक रिक्रूट महिला आरक्षियों की दीक्षान्त परेड में देखने को मिली है। वर्ष 2017 के पहले प्रदेश की कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर देश व दुनिया में प्रश्न किये जाते थे। मार्च, 2017 में वर्तमान सरकार ने तय किया कि प्रदेश में होने वाली पुलिस भर्ती में 20 फीसदी महिला की भर्ती की जाएगी। पिछले साढ़े चार वर्षों में हुई भर्तियां पूरी पारदर्शी ढंग से सम्पन्न हुई हैं। 01 लाख 28 हजार रिक्रूट ऐसे हैं, जिनकी ट्रेनिंग की पूरी कार्यवाही सम्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मोर्चे पर जो प्रदेश पांच वर्ष पहले प्रश्न प्रदेश बना हुआ था आज वह देश में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश बना हुआ है। प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने एक टीम भावना के माध्यम से कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में बहुत से पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। उन्होंने सभी शहीद पुलिस कर्मियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अपर्ति की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग डेढ़ लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से की गई है। प्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता को बढ़ाने का भी कार्य किया है। वर्ष 2017 से पहले मात्र 6,000 रिक्रूट को प्रशिक्षित किया जा सकता था जबकि आज 15,428 रिक्रूट का सफल प्रशिक्षण पूर्ण हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा प्रदेश सरकार ने पुलिस के लिए अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने का कार्य किया है। प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था देने के लिए रेन्ज स्तर पर साइबर थानों की स्थापना के साथ ही, फॉरेंसिक लैब की भी स्थापना की है। लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइन्सेज का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश के 04 बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल जितना अनुशासित होगा, कानून-व्यवस्था उतनी अच्छी होगी। बेहतर कानून-व्यवस्था का परिणाम है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था से विकास दर भी बेहतर हुई है, जिससे बेरोजगारी पर लगाम लगी है। सभी महिला रिक्रूट आरक्षी मिशन शक्ति को और सशक्त बनाने में योगदान करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का पहला पुलिस बल है, जिसने महिला बीट अधिकारियों के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभिनव प्रयोग किया है। डी0जी0 कॉन्फ्रेंस में देश भर के पुलिस महानिदेशकों ने इस अभिनव प्रयोग में रुचि दिखायी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी रिक्रूट आरक्षी अनुशासन व अच्छे व्यवहार से मित्र पुलिस के रूप में कार्य करेंगे। साथ ही, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने का कार्य किया है। प्रदेश में बड़ी संख्या में भर्ती व प्रोन्नति की गई है। प्रदेश के चार महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि सभी रिक्रूट आरक्षी अपने प्रशिक्षण की सार्थकता को साबित करेंगे।
पुलिस आयुक्त लखनऊ डी0के0 ठाकुर ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल सहित बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।
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