देश भर की 100 स्मार्ट सिटीज में अजमेर आठवें पायदान पर
देश भर की स्मार्ट सिटी की रैकिंग में अजमेर ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 100 स्मार्ट सिटीज की प्रतिस्पर्धा में टॉप-10 में जगह बनाई है। अजमेर स्मार्ट सिटी ने 15 वें स्थान से छलांग लगाते हुए आठवें स्थान पर जगह बनाते हएु शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 पायदान की उछाल मारी है।
अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड सितंबर 2016 से लेकर आज दिनांक तक रैंकिंग में अपने उच्चतम शिखर पर है। जिला कलक्टर एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रकाश राजपुरोहित व नगर निगम आयुक्त एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री देवेंद्र कुमार के कुशन नेतृत्व एवं निर्देशन में अजमेर स्मार्ट सिटी ने अपने अब तक के प्रदर्शन में बेहतर कार्य योजनाओं को अंजाम दिया है। समयबद्ध प्रोजेक्ट्स की निविदाएं जारी करना, समय पर प्रोजेक्ट्स को पूरा करना एवं केंद्र-राज्य के अतिरिक्त निकायों से जारी राशि का तय समय सीमा में उपयोग करना रैकिंग में सुधार के प्रमुख कारण रहे हैं। शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने रैकिंग के मापदण्डों में इस बार बदलाव किया। 100 अंकों के साथ-साथ इस बार 40 अंकों के रिवार्ड्स ( प्लस-माइनस ) के साथ जोड़ा गया है। इन 40 अंकों में प्रोजेक्ट्स के वर्क ऑर्डर जारी करने के साथ तीन माह के औसतन खर्चे को शामिल किया गया है। इस रिवार्ड में अजमेर स्मार्ट सिटी को 30 अंक मिले हैं। इस स्थान पर पहुंचने के लिए मुख्य योगदान अजमेर की दोनों स्थानीय निकायों को है। नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण ने अजमेर स्मार्ट सिटी को अपने अंशदान राशि के तहत 130 करोड़ रूपये दे दिए हैं। जिसमें अजमेर विकास प्राधीकरण ने 80 करोड़ रूपये व नगर निगम ने 50 करोड़ रूपये शामिल हैं। मालूम हो कि भारत सरकार की स्मार्ट सिटी गाइड लाइन के तहत भारत सरकार का 50 प्रतिशत, राज्य सरकार का 30 प्रतिशत, एएमसी को और एडीए का 10-10 प्रतिशत अंशदान निर्धारित किया गया है। अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत 960.66 करोड़ रूपए की लागत से कुल 108 विभिन्न प्रोजेक्ट्स संचालित हैं, जिनके 103 प्रोजेक्ट्स के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं, शेष 5 प्रोजेक्ट्स की निविदाएं अजमेर नगर निगम एवं अजमेर विकास प्राधिकरण में प्रक्रियाधीन हैं। इनमें से 141.33 करोड़ रूपए के 62 प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं एवं 817.04 करोड़ रूपए की लागत से 41 प्रोजेक्ट्स प्रगतिरत हैं। आज दिनांक तक कार्यों पर 585 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा अजमेर स्मार्ट सिटी को चार किश्तों के रूप में 342 करोड़ रूपए जारी किए गए। अजमेर स्मार्ट सिटी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित राशि के व्यय का लक्ष्य पूर्ण करने पर 100 करोड़ रूपए की राशि की अंतिम किश्त की मांग मार्च माह तक भिजवाने का प्रयास किया जा रहा है।
ये हैं रैंकिंग के मापदण्ड ….
शहरी विकास मंत्रालय स्मार्ट सिटी में शामिल समस्त 100 शहरों की रैंकिंग जारी करता है। उसमें कामों की प्रगति देखी जाती है। यह भी देखा जाता है अब तक कितने काम पूरे हो चुके हैं और टैंडर प्रक्रिया की रफ्तार क्या है। मंत्रालय इस पर भी नजर रखता है कि किसी शहर को विकास कार्यों के लिए जो फंड दिया गया था उसे काम लेने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में कौनसा शहर कितना सक्रिय रहा।अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत 1033.88 करोड़ के 108 काम स्वीकृत हुए थे और 960.66 करोड़ के कार्यादेश जारी कर दिए गए। स्मार्ट सिटी के तहत पहले चरण में देश के 22 शहरों का चयन हुआ था। एक साल बाद दूसरे चरण सितंबर 2016 में अजमेर का चयन हुआ। चयन के समय अजमेर की रैंकिंग 55 वीं थी। अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत शहर में अक्टूबर 2017 में उक्त कार्य शुरू हुए।
संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी