आगरा : “स्वामी विवेकानंद कहते थे कि जो देश में रहकर देश के धन से शिक्षा ले रहा है और फिर देश के बारे में नहीं सोचता वह बहुत बड़ा अपराधी है।” यह कहना है आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला का। वह स्वामी विवेकानंद की जयंती के पूर्व दिवस पर एनसीसी आर्मी विंग, आगरा कॉलेज, आगरा द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में हाइब्रिड मोड में उपस्थित कैडेट्स को संबोधित कर रहे थे
एनसीसी आर्मी विंग आगरा कॉलेज, आगरा द्वारा स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती के पूर्व दिवस पर आज
एक विचार गोष्ठी का आयोजन कॉलेज के सेमीनार हॉल में हाइब्रिड मोड ऑनलाइन एवं ऑफलाइन किया गया।
गोष्ठी का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला एवं डा रजनीश त्यागी ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अल्पायु में ही सम्पूर्ण विश्व में भारत की धर्म ध्वजा को पुन: फहराकर, उस समय के विश्व के लोगों का ध्यान भारत की ओर खींचने का महत्वपूर्ण कार्य किया। एनसीसी कैडेट युवा हैं, उन्हें अनुशासन के साथ ही स्वामी विवेकानंद के चरित्र निर्माण के संदेशों को अपने जीवन में समावेष करना चाहिए। आज जब देश के कुछ शिक्षा परिसरों से देश को तोड़ने की आवाज सुनाई देती है, तब विवेकानंद जी का आदर्श ही भटके हुए युवाओं को सही राह दिखा सकता है। विवेकानंद के विचारों को अंगीकृत कर युवा अपने व्यक्तित्व को निखारें।
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण के राष्ट्रीय मंत्री डॉ रजनीश त्यागी ने उपस्थित कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आज से लगभग 120 वर्ष पूर्व जो बातें इस भारत देश के संदर्भ में कही थी, आज भी उनके विचार देश के लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं। चाहे वह है भारत को पुनः विश्वगुरु बनाना हो, भारत की राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान की बात हो या हिंदू धर्म के स्वाभिमान के प्रति लोगो को जागृत करना हो।
उन्होंने स्वामीजी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं की चर्चा करते हुए अपील की कि छात्र स्वामी जी के आदर्शों को अपनाकर अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बना सकते हैं। उन्होंने विवेकानंद जी के विचारों को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि आज के युवाओं के बीच चर्चा का विषय राष्ट्रवाद होना चाहिए।
कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण संदेश दिए, जो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने छुआछूत से लेकर अंधविश्वास, देशभक्ति से लेकर अध्यात्म, चरित्र व उत्तम स्वास्थ्य तक समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपने विचार एवं दर्शन का प्रभाव छोड़ा है। सामाजिक कुरीतियों के विरुदॄ उन्होंने पाखंडियों को सदैव ललकारा। उन्होंने जीवन की अनेक घटनाऐं आज के परिप्रेक्ष में प्रत्येक भारतवासियों को प्रभावित करती है। आज जब संपूर्ण विश्व विनाश के कगार पर खड़ा है, तब केवल स्वामी जी के दर्शन से ही विश्व को इस तबाही से बचाया जा सकता है।
संचालन यूओ अमन श्रीवास्तव ने तथा आभार यूओ अरुण तरकर ने किया। अतिथियों का स्वागत सार्जेंट प्रिया ने किया।
इस अवसर पर एसयूअॊ प्रियांशु सिंह, एसयूअॊ तनिष्का माथुर, यूओ दीप्ती, लकी शर्मा आदि कैडेट्स ने व्यवस्थाएं संभाली
गोष्ठी में कैडेट प्रियांशी शर्मा, नवीन यादव, आराध्या भट्ट, नीलोफर, रामू यादव, उजाला राजपूत, अंकित सिकरवार, अंकित शर्मा, देव चाहर, कैडेट आराध्या, कमलेश आदि कैडेट्स ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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