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हिजाब की आड़ में अराजकता फैलाने से बाज आएं जिहादीः विहिप

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा है कि कर्नाटक के उडुपी से प्रारंभ हुआ हिजाब विवाद वास्तव में हिजाब की आड़ में जिहादी अराजकता फैलाने का एक षड्यंत्र है। हिन्दू समाज और देश के जागरूक नागरिक उनके इन षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देंगे। विहिप ने कहा कि जिहादी, हिजाब की आड़ में अराजकता फैलाने से बाज आएं।
विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री और रोहतक स्थित हिन्दू महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र जैन ने बुधवार को बयान में कहा कि उडुपी के एक विद्यालय में 6 लड़कियों के विद्यालय का निर्धारित गणवेश न पहनने की नाजायज जिद ने एक चिंगारी का रूप धारण कर लिया। पीएफआई जैसे कट्टर इस्लामिक संगठन संपूर्ण कर्नाटक में अराजकता निर्माण करने का एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे हैं। बागलकोट जैसे कई स्थानों पर जिहादियों की पत्थरबाजी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। हिन्दू समाज एवं देश के जागरूक नागरिक उनके इन षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि जितनी तेजी से संपूर्ण विश्व के इस्लामिक जगत एवं टूलकिट गैंग ने इस पर प्रतिक्रिया जताई है, उससे स्पष्ट होता है कि ये भारत में अराजकता फैलाने का कोई भी अवसर नहीं चूकना चाहते। संभवतया ये कर्नाटक में शाहीन बाग दोहराना चाहते हैं। विहिप इन सभी अराजक तत्वों को स्पष्ट करना चाहती है कि कर्नाटक सरकार की सजगता और हिन्दू समाज की सक्रियता के कारण वे सफल नहीं हो पाएंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के परोक्ष समर्थन के कारण ही वे दिल्ली के नागरिकों को त्रस्त कर पाए थे।
डॉ. जैन ने कहा कि इस षड्यंत्र की कठपुतली बनी उडुपी की लड़कियों ने विद्यालय में प्रवेश के समय ही जिस फार्म पर हस्ताक्षर किए थे उसमें स्पष्ट लिखा था कि वह विद्यालय का गणवेश पहनकर ही कक्षा में आएंगी। विद्यालय के विद्यार्थी नियमों का पालन करेंगे तो ही वहां शिक्षा प्राप्त करने का वातावरण बनता है। ये लड़कियां गणवेष पहनकर आ भी रही थीं। हिजाब पहनकर ही आने की उनकी इस जिद ने जिस प्रकार अचानक ही आक्रामक रूप धारण कर लिया उससे स्पष्ट होता है कि यह जिहादी षड्यंत्र का ही एक भाग है। कांग्रेस के नेतृत्व में टूलकिट गैंग ने इसको समर्थन देने के साथ ही हिंदू समाज को जिस प्रकार अपमानित किया है वह घोर निंदनीय है।

विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. जैन ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एक खाली स्तंभ पर भगवा फहराने को जिस प्रकार राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रूप में प्रचारित किया है वह सत्ता प्राप्त करने की हताशा में एक राष्ट्रघाती प्रयास है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हिंदुओं को अपमानित कर जिहादी आग को भड़काने का यह अपराध उनके निर्देश पर हुआ है? यदि नहीं तो उन पर सख्त कार्रवाई करके कांग्रेस के दामन पर लगे दागों को साफ करने का प्रयास करना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/ पवन/मुकुंद