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डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का होने जा रहा है कायापलट

 

शोधगंगा रिपोजिटरी में आंबेडकर विश्वविद्यालय 237वें स्थान से 22वें स्थान पर आया

आगरा। (डीवीएनए)डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में केंद्रीय पुस्तकालय के अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा , सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार केसरवानी , श्री जयप्रकाश सिंह एवं सूचना वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील उपाध्याय के साथ कुलपति जी ने विचार-विमर्श किया ।

बैठक में लिए गए निर्णय इस प्रकार रहे-

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विश्वविद्यालय के चारों परिसरों में ( पालीवाल पार्क ,खंदारी परिसर , संस्कृति भवन और छलेसर कैंपस ) केंद्रीय पुस्तकालय की एक-एक शाखा केंद्रीयकृत रूप में स्थापित की जाएगी , जिससे सभी परिसरों के विद्यार्थियों को पुस्तकालय की सुविधा प्राप्त हो सके ।
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खंदारी परिसर के आंबेडकर पीठ में स्थापित किए जाने वाले पुस्तकालय के प्रभारी सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार केसरवानी होंगे , पालीवाल पार्क परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय के प्रभारी सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष श्री जयप्रकाश सिंह होंगे , संस्कृति भवन और छलेसर कैंपस के प्रभारी सूचना वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील उपाध्याय होंगे ।
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सभी प्रभारी गण अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा के निर्देशन में कार्य करेंगे ।
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सभी पुस्तकालयों को डिजिटल पुस्तकालय के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ।
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शोधगंगा रिपोजिटरी पर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में संग्रहीत पीएच.डी. के 4065 शोध ग्रंथों को अपलोड किया जा चुका है । इस रिपोजिटरी पर 10 माह पहले प्रदेश के विश्वविद्यालयों में हमारा स्थान 237वें नंबर पर था , जो आज 22वें नंबर पर है ।
प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस रिपोजिटरी में शोध ग्रंथों को अपलोड करने का कार्य तेजी से चल रहा है और उन्होंने आशा प्रकट की है कि आगामी एक वर्ष में हमारा विश्वविद्यालय प्रथम स्थान पर आ जाएगा ।
6
विद्यार्थी एवं शोधार्थी शोधगंगा के लिंक पर जाकर अध्ययन कर सकते हैं
लिंक प्रकार है-

https://shodh ganga.inflibnet.ac.in/handle/10603/222061

अंत में अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश शर्मा ने बताया कि माननीय कुलपति जी के निर्देशों पर पुस्तकालय का स्वचालन एवं उसे ई लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ।
शीघ्र ही उपयोगकर्ताओं के लिए पुस्तकालय नए कलेवर में और स्वचालित सुविधाओं के साथ अध्ययन के लिए उपलब्ध होगा ।

संवाद:- दानिश उमरी