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जच्चा-बच्चा की सेहत के लिए भी परिवार नियोजन जरूरी

शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय बैठक

मथुरा।जनपद में शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठक हुई | बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने की ।
सीएमओ ने बैठक में कहा कि परिवार नियोजन का उद्देश्य मां और शिशु को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करना भी है। उन्होंने कहा- जब तक महिला का शरीर स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए तैयार न हो, तब तक उसे गर्भधारण से बचना चाहिए। इसके लिए वह परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों का उपयोग कर सकती हैं।
सीएमओ ने कहा कि ज्यादातर गर्भवती में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है | यह गर्भवती और जन्म लेने वाले बच्चे के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इस स्थिति में गर्भावस्था के दौरान जटिलता भी आ सकती है। इसको दूर करने के लिए सभी चिकित्सा अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गर्भवती के हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य करें। हर माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का इंतजार न करके प्रत्येक ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्र पर गर्भवती की हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य करें, ताकि छूटी हुई गर्भवती की भी हीमोग्लोबिन की जांच हो सके। उन्होंने कहा कि सही समय पर हीमोग्लोबिन की कमी को पहचानकर उसे दूर किया जा सकता है। सीएमओ ने कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन की गोलियां और आयरन सुक्रोज का भी प्रयोग करें।
बैठक में टीसीआईएचसी पीएसआई इण्डिया के जिला प्रबंधक शैलेश तिवारी ने संस्था द्वारा बीते चार वर्ष में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीसीआईएचसी जनपपद में बीते चार साल से परिवार नियोजन को लेकर शहरी क्षेत्र में काम कर रही है। इस दौरान संस्था ने क्वालिटी एश्योरेंस सहित कई बिंदुओं पर कार्य किया। इसके साथ ही सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को भी इसमें शामिल किया। इस दौरान पुरुष नसबंदी के बारे में जागरूकता के लिए भी आशा कार्यकर्ताओं व स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई। इसके साथ ही इस दौरान पहली बार अभिभावक बने दंपति पर भी फोकस किया गया। इस दौरान अंतराल दिवस, खुशहाल परिवार दिवस और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के जरिए परिवार नियोजन के प्रति लक्षित दंपति को जागरुक किया गया और उन्हें परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराए गए । शैलेश तिवारी ने बताया कि बीते चार साल में मथुरा में जिला स्तर पर परिवार नियोजन के साधनों के उपयोग में 276 प्रतिशत और नगरीय स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 844 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
बैठक में जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ. पारुल शर्मा, जिला क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर डॉ. अजीता, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की शहरी समन्वयक फौजिया खानम और रेड क्रॉस सोसायटी के डॉ. वेदप्रकाश ने अपने वक्तव्य रखे।
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ. आलोक, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रोहिताश, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. करीम अख्तर कुरैशी व यूपीएचसी व सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व टीसीआईएचसी पीएसआई इण्डिया मथुरा की टीम मौजूद रही।