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यूक्रेन से लौटी बेटियां, सरकार को कहा थैंक यू

किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उपखंड अधिकारी व एयरपोर्ट प्रशासन ने किया स्वागत

अजमेर।यूक्रेन-रूस तनाव के बीच यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही अजमेर व नागौर जिला की चार छात्राएं रविवार को किशनगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंचीं। यहां छात्राओं के परिजन और प्रशासन ने उनका स्वागत किया। अपनों को देखते ही उनके खुशी के आंसूं छलक पड़े। चारो छात्राओं ने बेहतरीन इंतजामों के लिए सरकार को धन्यवाद किया है।
यूक्रेन से लौटी छात्राओं के स्वागत के लिए उपखंड अधिकारी परसाराम सैनी, तहसीलदार मोहन सिंह राजावत के साथ एयरपोर्ट निदेशक बीएस मीना, टर्मिनल प्रभारी संजय यादव सहित पूरा एयरपोर्ट प्रशासन सजग नजर आया। एमबीबीएस का अध्ययन करने वाली छात्राओं का स्वागत गुलाब का फूल व पुष्पहार देकर किया। छात्राएं अपनो से मिलकर बहुत खुश नजर आ रही थी। वंदेमातरम, भारत माता की जय के नारों के बीच छात्राओं ने कहा कि अपना देश तो अपना ही है। चारो छात्राओं ने सरकार के प्रति आभार जताया और विश्वास जताया कि यूक्रेन में फंसे शेष विद्यार्थी भी शीघ्र अपने वतन अपने घर को आए। अपनी बेटियों से मिलकर परिजन भी अपने आप को भाग्यशाली मान रहे थे। एयरपोर्ट पर उपखंड अधिकारी सैनी ने छात्राओें से कुशलक्षेम पूछी और उनके गंतब्य तक जाने की व्यवस्था की। ब्यावर निवासी कृतज्ञ्या आचार्य, अजमेर निवासी हर्षिता सिंह अपने परिजन के साथ गई तो नागौर मुंडवा निवासी स्वर्णिमा सिंह व इंदिरा कालोनी निवासी स्नेहा सुसन जार्ज को प्रशासनिक अधिकारियों ने टैक्सी के माध्यम से भेजा।
*रोमानिया से फ्लाइट से आईं छात्राएं*
यूक्रेन में एमबीबीएस का अध्ययन कर रही चार छात्राएं स्नेहा सुसन जॉर्ज, स्वर्णिमा सिंह, कृतज्ञ्या आचार्य व हर्षिता सिंह स्पाइस जेट की फ्लाइट्स से किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुँची। यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच वे रोमानिया से शनिवार रात्रि को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची।
*मा से मिलते ही छलके खुशी के आसंू*
अजमेर हाथी भाटा निवासी विनोद सिंह की पुत्री हर्षिता सिंह एबीबीएस पांचवे वर्ष की छात्रा है। इसी प्रकार ब्यावर मोती नगर सेंदड़ा रोड निवासी रुचि भास्कर आचार्य की पुत्री कृतज्ञ्या आचार्य एमबीबीएस दूसरे वर्ष की छात्रा है। इन्हे लेने के पूरा परिवार किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुँचा। अपने माता पिता व बहन को देखते ही खुशी के आसूं झलक पड़े। गले मिलकर अपनी खुशी का इजहार किया। मा बेटी दोनो एक दूसरे को धैर्य बंधाते नजर आ रही थी। बहनो की आखों में खुशी झलक रही थी। प्रशासन ने भी परिजनो को अपनी बेटियों से मिलाने के लिए टर्मिनल भवन में प्रवेश दिलाया।
संवाद, मो नज़ीर क़ादरी