अजमेर l राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश मुख्य प्रशिक्षक पूर्व पार्षद शैलेन्द्र अग्रवाल ने पेट्रोलियम मंत्रालय व गैस कंपनियों द्वारा 1 मार्च मंगलवार से एक बार फिर कॉमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 105/- रुपये प्रति सिलेंडर की बेतहाशा वृद्धि करने तथा पिछले 22 माह से घरेलू गैस उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी जमा नही किये जाने के निर्णय को कोरोना महामारी, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी व बेतहाशा बढ़ती महंगाई की मार झेल रही जनता के हितों के साथ कुठाराघात बताए हुए कड़े शब्दों में निन्दा की है। अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पिछले लगभग 1 वर्ष में घरेलू रसोई गैस की कीमतों में भी 265/- रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की जा चुकी है। जबकि एक बार मात्र 10/- रुपये प्रति सिलेंडर घटाए गए हैं। अग्रवाल ने कहा कि व्यावसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों में की जा रही बढ़ोतरी से शादी ब्याह आदि घरेलू आयोजन करने वाले नागरिकों के साथ ही होटल, केटरिंग, रेस्टोरेंट वाले व्यापारियों तथा ठेले, थड़ी, खोमचों पर खाद्य सामग्री बेचने वाले स्ट्रीट फ़ूड वैंडर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि यह लोग पहले ही कोरोनाकाल से ही काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
शैलेन्द्र अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को घरेलू गैस की कीमत कम करने व सब्सिडी पुनः शुरू करने की मांग को लेकर आज पुनः एक पत्र भेजा है। अग्रवाल ने प्रधानमंत्री जी को भेजे पत्र में केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान पर देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि 15 माह पूर्व 27 नवंबर 2020 को ही तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री श्री प्रधान ने बयान जारी कर कहा था कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के बाद भी उसके उपभोक्ताओं को एलपीजी सब्सिडी मिलती रहेगी। प्रधान ने कहा था कि सभी उपभोक्ताओं को सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी। जबकि वास्तविकता यह है कि देश के घरेलू गैस उपभोक्ताओं को मई 2020 से सब्सिडी नही मिल रही है।
शैलेन्द्र अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के लगभग साढ़े सात वर्ष के कार्यकाल में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर लगभग 490/- रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि हो गयी है 2014 में यूपीए सरकार के समय घरेलू गैस सिलेंडर की दर 414 रुपये प्रति सिलेंडर थी व उस पर सब्सिडी भी मिलती थी। वहीं अब मोदी सरकार द्वारा प्रति सिलेंडर की कीमत 905/- रुपये कर दी है और सब्सिडी भी अघोषित रूप से खत्म कर दी गयी है तथा व्यवसायिक गैस सिलेंडर की कीमत अब लगभग 2026/- रुपये से भी अधिक हो गयी है, व्यावसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों में इससे पूर्व गत वर्ष दिसम्बर 2021 में 101/- रुपये, 1 नवंबर को 264/- रुपये, 1 सितंबर को 75/- रुपये,1अगस्त को 72:50 रुपये, 1 जुलाई को 84/- रुपये तथा 1
फरवरी को भी 150 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गयी थी। जो कॉमर्शियल गैस सिलेंडर नवंबर 2020 में 1252:50 रुपये का आता था वो अब 2026/- रुपये से भी अधिक का हो गया है। व्यवसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों में पिछले एक वर्ष में 17 बार बढ़ोतरी की गयी है। जिससे महंगाई काफी बढ़ रही है और जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है। अग्रवाल ने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि करने व सब्सिडी बंद करने पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए मोदी सरकार के इस निर्णय को जनविरोधी बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर व सब्सिडी बंद कर आम जनता की कमर तोड़ दी है।
अग्रवाल ने कहा कि मोदी जी व भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव में देश की जनता से महंगाई कम करने का वादा किया था जो अब जुमला साबित हो रहा है।
शैलेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि गैस की कीमतों में बढ़ोतरी करने व सब्सिडी समाप्त करने से आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है तथा महिलाओं की रसोई का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। केन्द्र सरकार का गैस की कीमतों में बढ़ोतरी करने व सब्सिडी बंद करने का निर्णय गरीब एवं आमजन विरोधी है। अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार देश के नागरिकों के धैर्य की परीक्षा नही ले कहीं ऐसा न हो कि पेट्रोलियम पदार्थों रसोई गैस आदि की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर देश की जनता सड़कों पर उतर जाये। अतः केन्द्र सरकार समय रहते इस निर्णय को वापस लेकर एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी कर सब्सिडी पुनः शुरू करे तथा बेतहाशा बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाये।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी