आगरा,आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन ने स्मार्ट सिटी एंड एकेडेमिया टुवर्डस एंड रिसर्च ( सार ) कार्यक्रम देश भर में आयोजित किया जा रहा है। जो आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स ( एनआईयूए ) और देश के अग्रणी भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की एक संयुक्त पहल है। कार्यक्रम के दौरान देश के 15 प्रमुख वास्तुकला और योजना संस्थान स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
सार कार्यक्रम के तहत मंत्रालय द्वारा अजमेर सहित जयपुर, कोटा और उदयपुर स्मार्ट सिटी के लिए मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( एमएनआईटी ) के छात्रों को अध्ययन के लिए भेजा गया है। शुकवार को मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( एमएनआईटी ) के छात्रों का एक दल अजमेर पहुंचा। प्रोजेक्ट्स के अध्ययन के पूर्व जयपुर रोड स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय में छात्रों ने टीम लीडर श्री अरविंद अजमेरा से चर्चा कर अजमेर में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स की जानकारी ली। श्री अजमेरा ने सभी छात्रों ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्रों के सवालों के जबाव भी दिए। स्मार्ट सिटी के तहत अजमेर में संचालित परियोजनाएं आमजन के लिए किस प्रकार लाभप्रद रहेंगे इसके बारे में भी विस्तार से बताया गया। उल्लेखनीय है कि अजमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य किए जा रहे हैं।
इन प्रोजेक्ट्स का किया अध्ययन
एमएनआईटी के छात्रों ने अजमेर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट्स का अध्ययन किया। प्रमुख रूप से आनासागर के किनारे-किनारे बन रहे पाथ वे, सागर विहार बर्ड पार्क, पुष्कर रोड स्थित लेकफ्रंट बर्ड पार्क और अरबन हाट फूड कोर्ट प्रोजेक्ट्स को देखा। एमएनआईटी के छात्र संयम नारंग ने बताया कि अजमेर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट्स का अध्ययन लाभप्रद रहा है। भविष्य में यह अनुभव उनके करियर में उपयोगी साबित होगा। अन्य छात्रा आर्या मालयाली ने बताया कि प्रोजेक्ट्स निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है। यहां आकर सोच का नजरिया भी बदला है। उल्लेखनी है शहरी विकास परियोजनाओं पर जुड़ाव के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन की शहरी परियोजनाएं अन्य महत्वकांक्षी शहरों के लिए मार्ग दर्शक परियोजनाएं हैं। 2015 में मिशन की शुरूआत हुई थी और देश में 100 स्मार्ट सिटियों का विकास किया जा रहा है।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी