आगरा। (डीवीएनए)डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की IQAC एवं कॉलेज विकास परिषद के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित आई.ई.टी. संस्थान में प्रातः 11:00 बजे से किया गया। IQAC निदेशक प्रो० वी. के. सारस्वत ने बताया कि कार्यशाला का शीर्षक “Career Advancement Scheme as per UGC Regulation-2018” था । इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य, आइ.क्यू.ए.सी. कोऑर्डिनेटरर्स एवं अन्य शिक्षकों ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम में माननीय कुलपति महोदय ने ऑनलाइन आकर अपना उदबोधन दिया । उन्होंने प्राचार्यों से आइ.क्यू.ए.सी को अधिक शक्तिशाली एवं क्रियाशील बनाने को कहा । प्रतिकुलपति महोदय प्रो० अजय तनेजा जी ने प्रौन्नति के नियमो में आये बदलावों को सकारात्मक बताया । डीन अकादमिक प्रोo संजीव कुमार ने कार्यशाला की आवश्यकता पर प्रकाश डाला एवं महाविद्यालयी शिक्षकों को प्रोफेसर पद नाम दिए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाये दी । इस अवसर पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर रेखा रानी जी ने उच्च शिक्षा को लेकर शासन प्रशासन की प्राथमिकताओं से श्रोताओं को अवगत कराया ।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ दिनेश चंद शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, के. एम. गवर्नमेंट गर्ल्स पीजी कॉलेज, गौतम बुद्ध नगर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया । उन्होंने विस्तार से यूजीसी विनिमय-2018 के प्रावधानों पर चर्चा की एवं श्रोताओं की समस्याओं का समाधान देने का प्रयास किया । उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के शिक्षकों को एसोसिएट प्रोफेसर पद नाम मिलने के 03 वर्ष के बाद प्रोफेसर पद नाम पर प्रौन्नति मिल सकती है । इसके लिए उनके 10 शोध पत्रों का प्रकाशन होना चाहिए, जिनमे से कम से कम तीन एसोसिएट प्रोफेसर बनने के बाद होने चाहिए । साथ ही उनको 110 रिसर्च स्कोर भी एकत्रित करना होगा । वही असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर एसोसिएट प्रोफेसर बनने तक किसी भी प्रकार के रिसर्च स्कोर की आवश्यकता नही हैं ।
निदेशक, कॉलेज विकास परिषद डॉ संजय जैन ने बताया कि पूर्व में महाविद्यालयी शिक्षकों की प्रोन्नति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनिमय-2010 और उसमे बाद में किये गए संशोधनों के तहत होती थी | बाद में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा दि० 18 जुलाई, 2018 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनिमय-2018 की अधिसूचना जारी की गई, जिसको कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 28 जून, 2019 को कुछ शर्तो एवं प्रतिबंधो के अधीन उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्थापित राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों के सन्दर्भ में लागू किये जाने का निर्णय लिया गया था | अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाविद्यालयी शिक्षकों को भी प्रोफ़ेसर पदनाम दिए जाने की घोषणा की गई थी । इसके अतिरिक्त कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंर्तगत उच्च शिक्षण संस्थानों में Innovation और Incubation प्रकोष्ठों के गठन पर भी विशेष व्यख्यान के आयोजन किया गया । इस विषय पर प्रोo शैलेन्द्र जैसवाल ने अपना व्यख्यान दिया ।
कार्यक्रम में निम्न लोग उपस्थित रहे :
कॉलेज विकास परिषद के सदस्य: डॉ अनुराधा गुप्ता, डॉ गौरांग मिश्रा, डॉ संजय कटारिया एवं डॉ कुमार राजीव रंजन
प्राचार्य: डॉ एस पी सिंह, डॉ विजय श्रीवास्तव, डॉ सीमा भदौरिया, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ पूनम सिंह, डॉ राजकुमार वर्मा, डॉ प्रभासकर राय डॉ वंदना, डॉ शर्मिला आदि एवं बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के शिक्षकों ने भी प्रतिभाग किया ।