अखिलेश यादव वैचारिक मुद्दों पर भाजपा को घेरने से बचते रहे
लखनऊ । विधान सभा चुनाव प्रचार में प्रियंका गांधी आख़िरी वक़्त तक जनता से जुड़े मुद्दों को उठाती रहीं। जिसके चलते मोदी जी तक को यू टर्न लेना पड़ा। वहीं अखिलेश यादव ने बुनियादी राजनीतिक मुद्दों पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश ही नहीं की। भाजपा और सपा दोनों के ही नेताओं ने व्यक्तिगत टीका टिप्पणी कर चुनाव को राजनीतिक मुद्दों से दूर रखने की कोशिश की।
ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से होने वाले स्पीक अप की 37 वीं कड़ी में कही।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सिर्फ़ प्रियंका गाँधी ने ही मुद्दों पर बात की। सपा और भाजपा ने जिन्ना और पाकिस्तान का नाम ले कर और साइकिल और चिलम जैसे जुमलों से लोगों को नकली मुद्दों में उलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मोदी के नमक खाने वाले बयान पर प्रियंका गांधी के पलटवार से मोदी जी को यू टर्न लेना पड़ा। जिससे मोदी की मीडिया द्वारा निर्मित न झुकने वाली छवि ताश के पत्ते की तरह ढह गयी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा पूरे चुनाव प्रचार के दौरान योगी सरकार की सांप्रदायिक विचारधारा के खिलाफ़ कुछ न बोलना और बसपा अध्यक्ष मायावती जी द्वारा पूरे चुनाव भर चुप रहना साबित कर गया कि ये दोनों पार्टियां भाजपा के दबाव में रहीं। वहीं प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ नारे और परिणाम चाहे कुछ भी हो प्रदेश में रुक कर यहाँ की राजनीति को बदलने के दावे से उन्होंने बड़ी लकीर खींच दी है।
संवाद , अज़हर उमरी