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लिगेसी वेस्ट को साफ करने के लिए एक ओर मशीन आई

पहले दो मशीनों की मदद से की जा रही थी कचरे की सफाई, 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड को किया साफ

अज़मेर ।शहर को लिगेसी वेस्ट (पुराना एवं प्रत्यक्त कूड़ा) के कार्य में गति लाने के लिए एक और पुज्जोलाना मशीन माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंच गई है। पूर्व में दो मशीनों की मदद से कार्य को किया जा रहा है। अब तीन मशीनों की मदद से कार्य करने पर सितंबर माह तक इस कार्य को पूर्ण कर लिए जाने की संभावना है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ट्रोमल मशीन एवं पुज्जोलाना मशीन की मदद से लिगेसी वेस्ट से पॉलीथिन एवं मिट्टी को अलग किया जा रहा था। तय समय सीमा में कार्य को पूर्ण किए जाने के लिए संबंधित फर्म ने एक और पुज्जोलाना मशीन की खरीद कर ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंचा दी है। नई मशीन के इंस्टॉलेशन का कार्य आरंभ हो गया है। मंगलवार से मशीन को उपयोग में लिया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि तीन मशीनों की मदद से कार्य किए जाने से लिगेसी वेस्ट की सफाई तेज गति से होगी। वहीं कचरे की सफाई के दौरान निकलने वाले आरडीएफ (जलने वाला कूड़ा ईंधन) का सीमेंट फैक्ट्रियों में उपयोग होने लगा है। लिगेसी वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल ईंधन के रूप में उपयोग किया जाने लगा है। मशीन की क्षमता एक दिन में 18 सौ से दो हजार क्यूविक मीटर लिगेसी वेस्ट निस्तारण की है। 3 लाख 60 हजार क्यूविक मीटर कचरे से लगभग 25 प्रतिशत आरडीएफ निकलेगा। जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाएगा। कचने के निस्तारण से लिगेसी वेस्ट (पुराना एवं प्रत्यक्त कूड़ा) से निजात मिलने लगी है। साथ ही नगर निगम को बहुमूल्य जमीन भी खाली एवं समतल भूमि प्राप्त होगी जिस पर हरियाली आदि लगाकर शहर के वातावरण को शुद्ध हवा प्राप्त होगी। वहीं एनजीटी के निर्देशों की भी पालना की जा सकेगी। यहां से निकलने वाले आरडीएफ की नियमित सप्लाई श्री सीमेंट में की जा रही है। अब तक एक हजार टन आरडीएफ दे दिया गया है।
पुराने कचरे से मिलने लगी निजात
माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 3 लाख 60 हजार क्यूबिक मीटर कचरा साफ करने हेतु प्लांट स्थापित किया गया है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए एक ट्रोमल मशीन एवं दो पुज्जोलाना मशीन स्थापित की गई है। नियमित रूप से पुराने एवं प्रत्युक्त कूड़े के निस्तारण से निजात मिलने लगी है। सफाई के दौरान निकलने वाले आरडीएफ का उपयोग सीमेंट फैक्ट्रियों में होने लगा है। कचरे की सफाई से 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र साफ हो गया है। यहां पर निकलने वाली गुड अर्थ को डालकर भूमि को समतल किया जा रहा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे के निस्तारण से आस पास का वातावरण शुद्ध होने लगा है। वर्तमान में अजमेर शहर में लगभग 250 टन कचरा प्रतिदिन उत्पन्न हो रहा है और उसे ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है। मशीन के द्वारा पुराने कूड़े से प्लास्टिक, पॉलीथिन आदि ज्वलनशील पदार्थ को अलग करते हुए मिट्टी और कंक्रीट को अलग-अलग किया जा रहा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर टोमल (मशीन) से 25 एमएम से ऊपर के कचरे एवं 25 एमएम से नीचे के कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है। 25 एमएम से कम वाले कचरे को पुन: 6 एमएम वाले ट्रोमल में डालकर 6 एमएम से कम का कचरा खाद्य एवं रिफ्लिंग के रूप में काम में लिया जाएगा। 25 एमएम से अधिक के कचरे में प्राप्त उपयोगी वस्तु जैसे प्लास्टिक, कागज आदि को उपयोग के अनुसार ठेकेदार द्वारा ही निस्तारित किया जाएगा। शेष रही मिट्‌टी को ट्रेंचिंग ग्राउंड में ही बिछाकर समतल किया जा रहा है।

संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी