आगरा।(डीवीएनए)डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि महिलाओं को नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में अपना कदम बढ़ाना होगा तभी वह महिला सशक्तिकरण के मंच पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करा पाएंगी ।
कुलपति जी ने कहा कि आज 21वीं सदी में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं ।
उनके द्वारा किए जाने वाले श्रम का मूल्यांकन करना होगा ।
घरेलू और गांव में निवास करने वाली महिलाओं के काम के घंटे भी पुरुषों के कार्य के बराबर होते हैं किन्तु उनके श्रम का मूल्यांकन नहीं किया जाता ।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार प्रोफेसर उषा यादव ने भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें इन कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना होगा तभी इस प्रकार के दिवसों का मनाना सार्थक होगा ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित एसिड अटैक पीड़िता रूपा ने शीरोज़ कैफे में कार्यरत महिलाओं की स्थिति की चर्चा की ।
प्रोफेसर मोहम्मद अरशद और डॉक्टर सुषमा सिंह जी ने भी अपने विचार प्रकट किए ।
कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर दीपमाला श्रीवास्तव और सह संयोजक श्रीमती पल्लवी आर्य थीं ।
उपस्थिति इस प्रकार रही –
प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर अजय तनेजा डीन एकेडमिक प्रोफेसर संजीव कुमार , डीन फैकल्टी प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा , जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप श्रीधर डॉ रणवीर सिंह डॉक्टर राजेश कुशवाहा डॉक्टर राजेंद्र दवे आदि ।
संवाद :- दानिश उमरी