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अजमेर शरीफ दरग़ाह में हाज़री के लिए पहुंचे रज़ा एकेडमी चेयरमेन

अजमेर ,रज़ा एकेडमी चेयरमेन मोहम्मद सईद नूरी ने अजमेर शरीफ दरग़ाह में हाज़री दी और सूफी संत हज़रत ख्वाज़ा गरीब नवाज की मज़ार मुबारक़ पर अक़ीदत की चादर फूल पेश किए।
इस मौके पर उन्होंने ख्वाज़ा साहब की बारगाह में *तहफ़ूज़ ए नामुसे रिसालत* पर भारतीय हुकूमत द्वारा जल्द कानून बनाने की दुआ भी की। सईद नूरी को जमात-ए-अहल-ए-सुन्नत के शीर्ष उलेमा उन्हें बेहद प्यार करते हैं। साठ साल से अधिक की उम्र पार करने के बाद भी आज वह तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत के लिए काम कर रहे है। नूरी ने बताया कि लेखक मौलाना खालिद अयूब मिस्बाही ने राजस्थान में आयोजित “तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत” पर इस्लामी विद्वानों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक जयपुर में भी बुलाई थी। जिसमे जामिया नूरिया मोहम्मदिया जयपुर में सुन्नी विद्वानों, मस्जिदों के इमामों और बड़ों की एक बैठक “तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत” की स्थापना और “पैगंबर मुहम्मद बिल” के समर्थन में आयोजित की गई थी। इस मौके पर नूरिया मोहम्मदिया विश्वविद्यालय के शेख-उल-हदीथ अल्लामा सैयद मोहम्मद रफी ने कहा कि जब तक हम इस तरह के मुद्दों की गंभीरता को नहीं समझेंगे, हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे। किसी भी आंदोलन के लिए जमीनी जागरूकता बहुत जरूरी है।
वहीं रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने अपने दरग़ाह ज़ियारत के वक्त कहा कि अगर पूरे देश के सुन्नी विद्वान और शेख खड़े हो गए, तो पैगंबर मुहम्मद ( सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) कानून बनाना आसान होगा। आपने जन जागरूकता बढ़ाने और आंदोलन को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक मांग प्रपत्र भरने का आह्वान किया।
मौलाना सईद नूरी और उनके साथियों को दरग़ाह ख़ादिम सैय्यद इरफान रिज़वी ने ज़ियारत कराई और दरबार का तबर्रुक भेंट किया।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी