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बीमारियों के प्रति बढ़ रही है लोगों में जागरूकता-डॉ रणवीर चौधरी

 

किडनी की छुपी बीमारी को ढूंढ़ना पड़ता है, शुरुआती अवस्था में इलाज से लाभ
वर्ल्ड किडनी डे पर मित्तल हॉस्पिटल में लगे निःशुल्क परामर्श शिविर का अनेक रोगियों ने पाया लाभ

गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ रणवीर सिंह चौधरी एवं पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने दी सेवाएं

अजमेर, । मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में वर्ल्ड किडनी दिवस के मौके पर गुरुवार को आयोजित निःशुल्क गुर्दा एवं मूत्र रोग परामर्श शिविर का अनेक रोगियों ने लाभ पाया।
हॉस्पिटल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ रणवीर सिंह चौधरी एवं पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने अजमेर जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों एवं नागौर जिले से आए रोगियों को निःशुल्क परामर्श सेवाएं दीं।

गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि वर्तमान में सभी तरह की बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने बताया कि किडनी की छुपी बीमारी को ढूंढ़ना पड़ता है। क्यों कि अन्य बीमारियों की तरह किडनी रोग के लक्षण प्रारम्भिक स्थिति में पता नहीं चलते। किडनी रोगी होने का तब पता पड़ता हैं जब तक देर हो चुकी होती है। किडनी रोगी का शुरुआती अवस्था में इलाज होने से ही लाभ है, क्यों कि प्रारम्भिक अवस्था में किडनी रोगी उपयुक्त उपचार पाकर किडनी की उम्र बढ़ा सकता है। अन्यथा एक बार गंभीर किडनी रोगी होने पर उम्र भर उपचार खर्च और परहेज आदि तकलीफ से गुजरना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि किडनी रोगी होने की जानकारी के अभाव में और समय पर उपयुक्त उपचार नहीं मिलने की स्थिति में यदि किडनी ही खराब हो जाती है तो उसे सुधारा नहीं जा सकता। डायलिसिस अथवा किडनी ट्रांसप्लांट ही उपचार होता है।
डॉ चौधरी ने बताया कि यही कारण है कि इस बार वर्ल्ड किडनी डे की थीम किडनी हैल्थ फॉर ऑल – फिल द गेप रखी गई है । इसका उद्देश्य दूर दराज के क्षेत्र में जहां किडनी रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं वहां पर भी आमजन को किडनी की बीमारियों का इलाज सुलभ कराना है। इसके लिए ग्रामीण दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित सरकारी डिस्पेंसरियों में मौजूद सामान्य चिकित्सक को ही किडनी रोग विशेषज्ञ से किडनी की बीमारियों के इलाज के बारे में रोगी की जानकारी साझा कर रोगी को सही इलाज मुहैया कराना होगा जिससे संबंधित रोगी को किडनी की गंभीर बीमारी होने से बचाया जा सके।
डॉ चौधरी ने बताया कि वर्ल्ड किडनी दिवस पर लगे शिविर का अनेक ऐसे रोगी लाभ पाने पहुंचे जिन्हें किडनी रोगी होने की आशंका है। जो लोग पहले से ही किडनी रोग से ग्रसित होकर उपचार पा रहे हैं वे तो फोलोअप जांच के लिए पहुंचे ही, किन्तु बहुत से ऐसे लोग जिन्हें पेशाब में तकलीफ रहती है, लम्बे समय से शुगर है, रक्तचाप भी बढ़ा रहने की आशंका होती है पर कभी जांच कर उपयुक्त उपचार नहीं लिया, जोड़ों में लम्बे समय से दर्द हैं और दर्द निवारक गोलियों के सहारे जीवन चला रहे हैं उन्होंने भी शिविर में परामर्श पाया।
यूरोलॉजिस्ट डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने बताया कि किडनी में लम्बे समय से पथरी की शिकायत होने के बाद भी ऑपरेशन के भय से उपचार नहीं करा रहे रोगी शिविर में परामर्श लेने पहुंचे। उन्होंने बताया कि किडनी में स्टोन लम्बे समय से पड़े रहने की स्थिति में उसका आकार बढ़ जाता है और वह किडनी को डेमेज कर देता है। एक बार किडनी डेमेज होने पर उसकी रिपेयर नहीं होती। यह बात रोगियों को काउंसलिंग कर समझाई गई। उन्हें बताया गया कि वर्तमान में किडनी के स्टोन को दूरबीन पद्धति से ऑपरेशन कर निकाला जा सकता है । हॉस्पिटल में ऐसे रोगियों के लिए दूरबीन द्वारा ऑपरेशन की तमाम सुविधा उपलब्ध हैं।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल की ओर से समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजन का मकसद हॉस्पिटल के ध्येय वाक्य ‘आपका स्वास्थ्य संरक्षक’ के रूप में आम जन को स्वास्थ के प्रति जागरूक करते रहना है। उन्होंने बताया कि शिविर में पंजीकृत रोगियों को निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा ऑपरेशन व प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत की छूट शिविर से सात दिवस तक प्रदान की जाएगी। शिविर में पंजीकृत रोगियों में से चिकित्सक द्वारा निर्देशित रोगियों की यूरोफ्लोमिट्री जांच निःषुल्क की गई। शिविर में उपस्थित रोगियों द्वारा कोविड-नियमों की पालना का ध्यान रखा गया।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी