अन्य

मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकने को बनेगा हेल्पलाइन नंबर

 

  • कोर कमेटी का हुआ गठन
  • मानसिक चिकित्सालय में हुई बैठक

आगरा, मानसिक रोगियों के उपचार और निदान के लिए राज्य स्तर पर एकीकृत हेल्पलाइन सेवा शुरू की जाएगी। इसी क्रम में मानसिक चिकित्सालय आगरा में कोर कमेटी की पहली बैठक आज संपन्न हुई I

मानसिक चिकित्सालय के निदेशक प्रो. ग्यानेंद्र कुमार ने बताया कि अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा ) श्री अमित मोहन प्रसाद जी द्वारा दिए गए सुझावों के अनुपालन में मानसिक रोगियों के उपचार एवं निदान हेतु राज्य स्तर पर एकीकृत हेल्पलाइन सेवा की शुरुआत करने व मानसिक रोग के संबध में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता बढ़ाने के संबध में एक कोर कमेटी का गठन किया गया है और मानसिक चिकित्सालय आगरा को इसके लिए नोडल सेंटर बनाया गया है।

कमेटी के कन्वेनर व् कोऑर्डिनेटर और गैर संचारी रोगों के अपर नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने बताया कि “जान है जहान है” कार्यक्रम के तहत समाज के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग वर्गों के लोगों के द्वारा समय से मानसिक रोगों की पहचान व उचित स्तर पर उनके निवारण के लिए स्वास्थ्य कार्मिकों व स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष और कमेटी के सदस्य डॉ. विशाल सिन्हा ने बताया कि समाज में नशे की प्रवृति बढ़ती जा रही है।इसे भी रोकने क लिए हम इस अभियान में स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम चलाकर बच्चों को नशे से दूर रहने क बारे में समझाएंगे। इसके साथ ही जो लोग नशे के आदि हो चुके हैं उनकी काउंसलिंग करके उनकी इस लत को छुड़वाएंगे।

कमेटी के सदस्य डॉ. एसपी गुप्ता ने बताया कि मानसिक रोगों को समाज में कलंक समझा जाता है, इस कारण लोग मानसिक रोगों का उपचार नहीं कराते हैं, उन्हें डर रहता है कि कहीं लोग उन्हें पागल कहना न शुरू कर दें। जबकि मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह ही होते हैं, जिनका उपचार करके इन्हें ठीक किया जा सकता है।

कमेटी की सदस्य और आगरा कालेज के मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रचना सिंह ने बताया कि मानसिक रोगों के प्रति समाज में जागरुकता लाना बहुत जरूरी है, लोग जागरुक होंगे तो मानसिक रोगों की पहचान कर सही समय पर उनका उपचार किया जा सकेगा।

संवाद। दानिश उमरी