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अब सभी क्षय रोगियों को गोद लेंगी स्वेयंसेवी संस्थाएं

  • हर महीने उनको उपलब्ध करवाएंगी पोषण किट
  • रखेंगी उनकी सुख सुविधाओं व सेहत का खयाल

आगरा, वर्ष 2025 तक प्रदेश को क्षय रोग से मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत अब जनपद में बाल क्षय रोगियों के अतिरिक्तक वयस्क महिला व पुरुष क्षय रोगियों को भी स्वएयंसेवी संस्थाएं गोद लेंगी। मरीजों को गोद लेने वाली संस्था एं हर महीने उन्हें पोषण किट उपलब्ध कराएंगी तथा उनकी सुख सुविधाओं के साथ सेहत का ख्याल रखेंगी। इसके साथ ही क्षय रोगियों का मनोबल बढ़ाते हुए बताएंगी कि संपूर्ण इलाज के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव का।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहले जनपद में राज्ययपाल की पहल पर बाल क्षय रोगियों को गोद लिया गया था। वर्तमान में लगभग 1600 बाल क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके न्यू ट्रीशन की व्य वस्थाय की जा रही है। शासन के नए दिशा -निर्देश के क्रम में विश्व6 क्षय रोग दिवस यानि 24 मार्च 2022 से प्रदेश में सभी क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान बाल क्षय रोगियों के साथ ही वयस्क महिला क्षय रोगी को गोद लिया जाएगा। इसके बाद वयस्क पुरुष क्षय रोगी को गोद लेने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। गोद लेने वाली संस्थाा द्वारा क्षय रोगी को अपने परिवार के सदस्यक के समान डॉट्स के माध्य म से दी जाने वाली औषधियों को बिना दवा बंद किये सम्पू्र्ण उप चार अवकधि में खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इस अभियान की साप्ताहिक समीक्षा मुख्ये विकास अधिकारी व मुख्यद चिकित्साषधिकारी के द्वारा तथा मासिक समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा स्वअयं की जाएगी।
सीएमओ ने बताया कि जिन क्षय रोगियों का उपचार समाप्ता हो जाएगा, उनकी जगह नए क्षय रोगियों को गोद लेकर इस प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा।

राज्यरपाल के लखनऊ मॉडल पर होगा संचालित

प्रदेश की राज्यलपाल महामाहिम श्रीमती आनन्दीस बेन पटेल ने वर्ष 2019 में क्षय रोगियों को गोद लिए जाने का कार्यक्रम जनपद आगरा के साथ साथ प्रदेश सभी 75 जनपदों में चलाया था।

इसके तहत क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें भावनात्म क के साथ ही न्यूेट्रीशनल ( पोषण ) सपोर्ट के लिए लोकोपकारी सामाजिक संस्थाहओं, शैक्षणिक संस्थाभओं, गणमान्यय नागरिकों से अनुरोध किया गया था। उनके आह्वान पर लगभग 40 हजार क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हेंष क्षय रोग से लड़ने में सहयोग प्रदान किया गया है। कई जनपदों के द्वारा इस दिशा में उल्लेरखनीय कार्य किया गया है। इसके तहत आगरा में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला क्षय रोगियों को अलग अलग श्रेणी में बांटकर गोद दिलवाने का कार्य किया गया।

24 मार्च से चलेगा 1 माह का विशेष अभियान
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार बताते हैं कि आगरा में अब तक सिर्फ 18 साल तक के बच्चे क्षय रोगियों को गोद लेने के अभिनव प्रयास के तहत पूरे प्रदेश में बाल क्षय रोगियों के साथ साथ अब जनपद की संस्थाओं के द्वारा सभी क्षय रोगियों को गोद लेकर उनको इलाज पूरा होने तक निःशुल्क कच्ची खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी।
अब शासन ने इसे वृहद स्वशरुप देने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब बाल क्षय रोगियों के अतिरिक्तय 18 साल से उपर की आयु के वयस्कइ महिला क्षय रोगियों, वयस्कण पुरुष क्षय रोगियों के साथ ही ड्रग रेजिस्टेंयट व कोमार्बिडिटी वाले क्षय रोगियों को गोद लिए जाने के लिए आगामी 24 मार्च ( विश्वि क्षय रोग‍ दिवस ) से एक माह तक क्षय रोग से ग्रसित बच्चों एवं महिलाओं को गोद लेने का विशेष अभियान प्रारंभ किया जाएगा।

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि क्षय रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ता् के रुप में पूर्व की तरह से दिया जाता रहेगा। वहीं गोद लेने वाली संस्थाओं के द्वारा हर क्षय रोगी को हर महीने 1 किलो मूंगफली, 1 किलो भुना चना, 1 किलो गुड़, 1 किलो सत्तून, 1 किलो तिल या गजक, 1 किलो अन्यग न्यूलट्रीशन सप्लीकमेंट जैसे हार्लिक्सग, बार्नबीटा, काम्लारी न आदि पिछले 4 साल से लगातार दिया जा रहा है। यह उन्हेंि तब तक दिया जाता है जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं।

संवाद। दानिश उमरी