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कश्मीर फाइल्स फिल्म कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश – राठौड़

 

पूर्व मंत्री अनिता भदेल के बयानों की कड़े शब्दों में निंदा

अजमेर! राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने द कश्मीर फाइल्स पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों पर पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिता भदेल के बयानों की कड़े शब्दों में निंदा की है।

निगम अध्यक्ष राठौड़ ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार फिल्म की मार्केटिंग कर कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रही है जिसमें वह कभी सफल नहीं होगी।

निगम अध्यक्ष राठौड़ ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने नियोजित तरीके से फिल्म का निर्माण करवा कर तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन जनवरी 1990 में हुआ था तब केंद्र में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार थी और जम्मू कश्मीर में भाजपा के वरिष्ठ नेता जगमोहन सिंह राज्यपाल थे ।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 7 सालों में कश्मीरी पंडितों को विस्थापित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए और 1990 में भी वह मूकदर्शक बनी रही।

निगम अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि कश्मीरी पंडितों को विस्थापित करने के लिए पुर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न राजीव गांधी ने संसद का घेराव किया था एवं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कश्मीर के राज्यपाल एन वोहरा ने विस्थापितों के लिए 4200 फ्लैट की टाउनशिप का उद्घाटन किया था !

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस नेहरू और गांधी को कोसने के अलावा कोई कार्य नहीं कर रही है ! उन्होंने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार महंगाई बेरोजगारी भुखमरी से आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए द कश्मीर फाइल का प्रमोशन एवं मार्केटिंग कर रही है।

निगम अध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि तत्कालीन परिस्थितियों का तीन दशक बाद विवेचना करना वाजिब नहीं है। उस समय कश्मीर से पंडितों का पलायन सभी के लिए दर्दनाक था।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकार जब द कश्मीर फाइल के मार्केटिंग कर देश में अल्पसंख्यक एवं बहुसंख्यक के बीच तनाव एवं वैमनस्यता का वातावरण पैदा कर रही है जबकि केंद्र सरकार को अल्पसंख्यक एवं बहसख्यक के बीच खाई को पाटने का काम करना चाहिए।
संवाद , मो नज़ीर क़ादरी